एक्सपोज़ टुडे, उज्जैन ।
ईओडबल्यू (ईकॉनामिक अफ़ेंस विंग) ने काग़ज़ों पर बनाए गए तालाबों की पड़ताल शुरू की तो तालाब की गहराई में छुपे कई अफ़सर निकल कर सामने आ रहे हैं। काग़ज़ों पर बने तालाब का पानी पीकर कई अफ़सर अपना गला तर कर चुके हैं। अब ईओडबल्यू का शिकंजा इन पर कसना तय है।
देवास जिले के विकासखण्ड टोकखुर्द, विकासखण्ड सोनकच्छ तथा विकासखण्ड देवास में कुल 361 बलराम तालाबों का निर्माण हुआ ही नही । जबकि इन सभी 361 तालाबों की अनुदान राशि का भुगतान हितग्राहियों को कर भी दिया गया । इस प्रकार कृषि विभाग, जिला देवास के तत्कालीन अधिकारियों/कर्मचारियों तथा विकासखण्ड टोकखुर्द, देवास व सोनकच्छ के हितग्राहियों द्वारा षडयंत्रपूर्वक अनुदान की कुल राशि 2.92 करोड रूपयों की शासन को चूना लगा दिया गया ।
जाॅच में संबधित अधिकारियों/कर्मचारियों एवं हितग्राहियों के विरूद्ध भारतीय दण्ड विधान की धारा 409,420,467,468,471,120-बी एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की संशोधित धारा 13(1)(ए),13(2),7(सी) का अपराध प्रमाणित पाया
संबधित अधिकारियों/कर्मचारियों एवं हितग्राहियों के विरूद्ध भारतीय दण्ड विधान की धारा 409,420,467,468,471,120-बी एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की संशोधित धारा 13(1)(ए),13(2),7(सी) का अपराध प्रमाणित पाया जाने पर दिनांक 21.09.2020 को थाना ईओडब्ल्यू में आरोपियों के विरूद्ध 02 अपराध दर्ज कर विवेचना प्रारंभ की गई।
इस प्रकार 1. श्री विजय अग्रवाल, कृषि विभाग जिला देवास के तत्कालीन उपसंचालक, 2. श्री त्रिलोकचन्द्र छावनिया, तत्कालीन सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी, जिला देवास, 3. श्री अमृत सिंह यादव, तत्का. भूमि संरक्षण सर्वे अधिकारी, जिला देवास, 4. श्री सहदेव गुजरे, तत्का. कृषि विस्तार अधिकारी, जिला देवास, 5. श्री कैलाश चैहान, तत्कालीन भूमि संरक्षण सर्वे अधिकारी, जिला देवास, 6. श्री बबलू पिता श्री बुद्धराम शाक्य, तत्कालीन भूमि संरक्षण सर्वे अधिकारी, जिला देवास, 7. श्री आबिद अली, तत्कालीन भूमि संरक्षण सर्वे अधिकारी, जिला देवास, 8. श्री तेजसिंह ठाकुर, तत्कालीन कृषि विकास अधिकारी, जिला देवास,9. दुर्गेश नंदनी उईके पिता श्री भगवान साह उईके, तत्कालीन भूमि संरक्षण सर्वे अधिकारी, जिला देवास 10. कृषि विभाग जिला देवास के तत्कालीन अधिकारी व अन्य कर्मचारी।