November 22, 2024

लॉकडाउन में 12 वर्षीय बच्ची 100 किलोमीटर पैदल चली, घर से 14 किलोमीटर पहले तोड़ा दम

बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां रहने वाली 12 वर्षीय बच्ची लॉकडाउन के कारण अपने घर जाने के लिए 100 किलोमीटर तक पैदल धूप में चलती रही, लेकिन अपने घर से महज 14 किलोमीटर दूर गर्मी की वजह से बच्ची ने दम तोड़ दिया।

दरअसल 12 साल की मासूम बच्ची का नाम जमलो मड़कामी है और वह बीजापुर जिले के आदेड गांव की रहने वाली है। बच्ची कुछ दिनों पहले रोजगार की तलाश में तेलंगाना के पेरुर गांव गई हुई थी। लेकिन लॉकडाउन के कारण बच्ची का रोजगार भी छीन गया।

कुछ दिन इंतजार के बाद बच्ची अन्य 11 लोगों के साथ अपने घर के लिए निकल गई। लॉकडाउन के चलते राज्यों की सीमा बंद थी, इसलिए बच्ची पैदल ही जंगल के रास्ते 114 किलोमीटर के सफर पर निकल गई। तीन दिनों तक बच्ची लगातार तेज गर्मी में भूखी-प्यासी चलती रही। लगभग 100 किलोमीटर चलने के बाद बच्ची की हिम्मत ने जवाब दे दिया और भूख-प्यास से बच्ची की मौत हो गई।

प्रशासन को जैसे ही बच्ची की मौत की खबर पता चली, उन्होंने एहतियात के तौर पर बच्ची के शव के साथ तेलंगाना से आ रहे मजदूरों को भी क्वरंटाइंन कर दिया। हालांकि पोस्टमार्टम में बच्ची की कोरोना जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है। वहीँ अपनी इकलौती बेटी की मौत की खबर लगते ही पिता आंदोराम मडकम और मां सुकमती मडकम जिला चिकित्सालय बीजापुर पहुंचे। मौत के दो दिनों बाद 20 तारीख को बच्ची का शव उन्हें सौंपा गया।

दरअसल छत्तीसगढ़-तेलंगाना की बॉर्डर पर बसे बीजापुर जिले से हजारों लोग मिर्ची तोड़ने जैसे रोजगार की तलाश में तेलंगाना जाते हैं। इन्ही लोगों में जमलो मडकामी भी शामिल थी। लॉकडाउन के चलते रोजगार खत्म हो चुका था और दूसरे चरण का लॉकडाउन लगने के बाद 15 अप्रैल को तेलंगाना से ये मासूम अपने साथियों के साथ बीजापुर के लिए पैदल ही रवाना हो गई।

लॉकडाउन के कारण ट्रांसपोर्ट बंद थे और साथ ही राज्यों की सीमा भी सील थी। इसलिए बच्ची ने तीन दिन लगातार चलकर जंगल के रास्ते करीब 100 किलोमीटर का सफर तय किया। इस दौरान बीहड़ों में तेज गर्मी और भूख-प्यास की वजह से बीजापुर के मोदकपाल गांव पहुंचकर बच्ची ने 18 अप्रैल को दम तोड़ दिया। बच्ची की मौत जहां हई उससे 14 किलोमीटर की दूरी पर ही उसका घर था।

Written by XT Correspondent