एक्सपोज़ टुडे,इंदौर।
स्कीम नंबर 51 के हॉस्पिटल में नौकरी करने वाली महिला ने डिलेवरी के लिए आई महिला का बच्चा चोरी कर देवास के नि संतान दंपति को बेच दिया। मामले का खुलासा एसटीएफ़ ने साल बाद कर आरोपियों के ख़िलाफ़ एफ़आइआर दर्ज कर बालक को बरामद कर लिया है।
एसटीएफ़ के अफ़सरों के मुताबिक़
लीलाबाई जिला इदौर को ट्रेस कर पूछताछ की गई जो पहले यश मेटरनिटी क्लीनिक स्कीम नंबर 51 में काम करती थी लीला बाई नें यह जानकारी दी कि उसनें दिनांक 30/10/2011 उसकी बहन पुष्पा श्रीवास व पुष्पा के पति प्रभुदयाल श्रीवास के माध्यम से यश क्लीनिक से एक दिन का नवजात शिशु देवास निवासी शिरीष व उनकी पत्नी सुधा को दिया था तथा वह बालक अब लगभग 09 वर्ष 03 माह का हो गया होगा उसके गोद लेने का कोई कागजात तैयार नहीं किए गए थे जिस पर कार्यवाही हेतु टीम उप पुलिस अधीक्षक सोनू कुर्मी एवं निरीक्षक ममता कामले की टीम ने देवास में जाँच में शिरीष एवं सुधा के पास पुष्टि करने पर एक बालक आयु लगभग 9 वर्ष 3 माह का होना पाया एवं पूछताछ करने पर शिरीष वा सुधा ने उसे यश क्लिनिक से गोद लेना बताया परन्तु उनके पास गोद लिए जाने सम्बन्धी कोई भी अनुमति वा दस्तावेज होना नहीं पाया नोटिस दिए जाने पर शिरीष द्वारा बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया जिसमे जन्म स्थान देवास बताया जाकर अपने आपको माता पिता बताया था । पुष्टि वा जाँच उपरांत यह पाया की लीलाबाई, शिरीष इंदुल्कर, सुधा इंदुल्कर , पुष्पा श्रीवास एवं प्रभूदयाल श्रीवास एवं अन्य द्वारा नवजात शिशु को यश क्लीनिक से उसकी माँ के विधिक संरक्षरण से अपहरण किया गया, उसका जन्म शिरीष के निवास देवास में होना बताकर इस संबंध में नगर निगम देवास में जन्म प्रमाण पत्र बनवाकर अवैध लाभ अर्जित करने व नवजात बालक का अपहरण करने का योजना बनाकर षडयंत्र करने का कृत्य किया गया जो धारा 363, 420,120 बी भादवि तथा 80,84 किशोर न्याय अधिनियम 2015 का पाया जाने से बालक का बरामदगी पंचनामा बनाया जाकर बालक को काउंसलर मंजू चौधरी की अस्थाई अभिरक्षा में दिया गया तथा एसटीएफ इकाई इंदौर में अपराध पंजीबध किया गया
पुलिस अधीक्षक एस टी एफ इंदौर श्री मनीष खत्री ने बताया की एसटीएफ इकाई इंदौर को नवजात बच्चो को जन्म के पश्चात अस्पताल से उसकी माँ से अलग कर अस्पताल स्टाफ द्वारा अन्य निः संतान दम्पत्तियो को देने के सम्बन्ध में चाइल्ड लाइन द्वारा सुचना प्राप्त हुई थी जिस पर कार्यवाही हेतु इकाई से उप पुलिस अधीक्षक सोनू कुर्मी, निरीक्षक ममता कामले के साथ स्टाफ एवं निरीक्षक एम.ए. सैयद नेतृत्व में निरीक्षक श्रीकांत जोशी एवं स्टाफ की 2 टीमें बनाई गई । चाइल्ड लाइन की काउन्सलर श्रीमती मंजू चौहन , राहुल गोठाने, आदित्य को मदद हेतु हमराह में लिया गया ।
गिरफ्तार आरोपी :– 1. लीलाबाई निवासी इदौर
2. पुष्पा निवासी देवास
3. प्रभूदयाल निवासी देवास
4.शिरीष देवास (बालक को अधिपत्य में रखने वाले )
5. सुधा देवास (बालक को अधिपत्य में रखने वाले )
6.अजय कुमार रतलाम (बालक को अधिपत्य में रखने वाले )
7. श्रीमती स्वर्णलता रतलाम (बालक को अधिपत्य में रखने वाले )
प्रकरण में आज दिनांक 21-02-2021 को उपरोक्त पांचो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया आरोपी लीला बाई से पूछताछ में उसके द्वारा एक अन्य बच्चे को यश क्लिनिक से ही रतलाम निवासी उसकी समधन वा समधी को देना बताया जिसपर से निरीक्षक एम.ए. सैयद नेतृत्व में निरीक्षक श्रीकांत जोशी एवं स्टाफ की टीम ने चाइल्डलाइन स्टाफ के साथ रतलाम जाकर बालक आयु 13 वर्ष को अजय कुमार एवं स्वर्णलता के पास होना पाया ।
पूछताछ करने पर अजय कुमार एवं स्वर्णलता ने उसे यश क्लिनिक से गोद लेना बताया परन्तु उनके पास गोद लिए जाने सम्बन्धी कोई भी अनुमति वा दस्तावेज होना नहीं पाया नोटिस दिए जाने पर शिरीष द्वारा बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया जिसमे जन्म स्थान यश क्लिनिक इंदौर बताया जाकर अपने आपको माता पिता बताया था । पुष्टि वा जाँच उपरांत यह पाया की लीलाबाई, अजय कुमार एवं स्वर्णलता द्वारा नवजात शिशु को यश क्लीनिक से उसकी माँ के विधिक संरक्षरण से अपहरण किया गया, उसका जन्म यश क्लिनिक इंदौर में होना बताकर इस संबंध में नगर निगम इंदौर में कूटरचित जन्म प्रमाण पत्र बनवाकर अवैध लाभ अर्जित करने व नवजात बालक का अपहरण करने का योजना बनाकर षडयंत्र करने का कृत्य किया गया जो धारा 363, 420, 468, 120 बी भादवि तथा 80,84 किशोर न्याय अधिनियम 2015 का पाया जाने से बालक को बरामद किया गया एवं चाइल्ड लाइन इंदौर की अस्थाई अभिरक्षा में दिया गया तथा एसटीएफ इकाई इंदौर में अपराध पंजीबध किया गया प्रकरण में लीलाबाई, अजय कुमार एवं स्वर्णलता को गिरफ्तार किया गया। प्रकरण में बरामद बच्चो को जन्म देने वाली माँ के सम्बन्ध में तलाश व विवेचना की जा रही है किसी भी दंपत्ति का नवजात बच्चा यदि यश क्लिनिक स्कीम नंबर 51 इंदौर से 30-10-2011 एवं 11-05-2008 या इसके आसपास जन्म होने के बाद गायब हुआ हो या अस्पताल स्टाफ द्वारा उन्हें मृत बच्चा बताया जाकर गुमराह किया गया हो तो वे इस सम्बन्ध में कथन वा प्रमाण एसटीएफ इकाई इंदौर में आकर प्रस्तुत कर सकते है उनकी यथासंभव मदद की जाकर बालको की अभिरक्षा उन्हें दिलाये जाने की कार्यवाही प्रारंभ की जाएगी प्रकरणों की विवेचना निरीक्षक एम.ए. सैयद वा निरीक्षक ममता कामले द्वारा की जा रही है