बड़वानी। डूब प्रभावित नर्मदा घाटी के कई गांवों में विरानगी छाई हुई है। लोगो के चेहरों पर चिंता की लकीरे साफ दिखाई दे रही है। नर्मदा नदी का पानी तेजी से बढ रहा है। जिस नर्मदा नदी ने जीवन दिया अब वही नर्मदा मौत दिखाकर डरा रही है। गांव के लोग जानते हैं कि नर्मदा तो माई है वह ऐसा नहीं कर सकती। ऐसा कोई कर रहा है तो वह सिर्फ और सिर्फ सरकारें और उनके मुलाजिम ही कर सकते हैं। आज भी नर्मदा माई पर उन्हें पूरा यकीन है वो भले ही मौत से डरा रही हो लेकिन जिंदगी छीन नहीं सकती। इन्ही पसोपेश के बीच कई लोग अपनी जिंदगी गुजारने को मजबूर हैं।
बड़वानी जिले का एक गांव नाम है जांगरवा। आबादी करीब 2000। गांव के चारो तरफ नर्मदा नदी का पानी ही पानी भरा हुआ है। पानी गांव की तरफ तेजी से बढ रहा है। फिलहाल 134 मीटर जलस्तर है। सरदार सरोवर बांध में 183 मीटर तक पानी भरा जाना है। थोडा पानी औऱ बढा तो गांव टापू में तब्दिल हो जाएगा। गांव आने-जाने वाले सभी रास्ते जलमग्न हो जाएगें। गांव के लोग पूछ रहे हैं साहब गांव तक पानी आने में कितना दिन लग जाएगा। गांव के कई मकान खंडहर में तब्दिल हो चुके हैं। ज्यादातर लोग यहां रहते हैं कुछ लोग यहां से 4 किलोमीटर दूर पुनर्वास स्थल पर जा चुके हैं। अंधिकांश लोग अपनी जमीन, गांव, घर-मकान औऱ यादें नहीं छोडना चाहते। यह वही गांव है जहां सरकारी अफसर लोगों को जबरिया शिफ्ट कराने आए थे और एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। चारपाई पर अधलेटे रामसिंह ने साफ कहा कि मुआवजा पूरा नहीं मिला। पुनर्वास का मकान भी अधूरा पडा है। हम ना घर के हैं ना घाट के। हम डूबेगें अब जो होगा देखा जाएगा। गांव के लोग पुनर्वस के दौरान हुए भ्रष्टाचार पर मुखर हो रहे हैं। एक-एक कर तमाम परते उघाड रहे हैं। लोगों का कहना है जो पिछले साल हमारे साथ थे अब सरकार में मंत्री बन गए तो उन्हें हमारी बात सुनना तक गंवारा नहीं। गांव वाले मंत्री सुरेन्द्र सिंह बघेल की तरफ इशारा कर रहे थे। पुनर्वास स्थलों की बदहाली किसी से छुपी नहीं है। गिनती के घर बने हैं बाकी प्लाट तो झाडियों से घिरे हुए हैं।
गांव के बुजुर्ग गंगाराम ने हमे भीतर बुलाया। उन्हें महज 2 लाख 36 हजार रुपए का मुआवजा ही मिला है। पहले प्लाट मिला था। हमने प्लाट को देखा तक नहीं। अब जब गए तो एनवीडीए के अफसर कह रहे हैं कि आपने प्लाट तो बेच दिया है । गजब खेल हो रहा है साहब। गंगाराम सिर पर हाथ रख ठंडी सांसे छोडते हुए कह रहे थे। उनके घर की दीवार पर 138.80 का आंकडा लिखा हुआ है। यह वो तबाही का आंकडा है जिसे देख, सुनकर डर लगता है। दिन-रात बस घरों पर लिखी बांध की ऊंचाई का आंकडा औऱ बढता पानी देखना ही जिंदगी बन चुकी है। दरअसल सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई 138.8 मीटर पंहुच जाएगी तो गंगाराम का मकान पानी में डूब चुका होगा।
गांव में ही बचा-खुचा एक अस्थाई सलून से रेडिया पर गाना बज रहा था – ओ दूर के मुसाफिर, हमको भी साथ ले ले…..