एक्सपोज़ टुडे,बालाघाट।
मन में यदि कुछ कर गुजरने की दृढ़ इच्छा शक्ति हो तो कोई भी काम कठिन नहीं हाेता है, इसके लिए रोड़ा बने हर रास्ते भी आसान हो जाते है और यह सब कर दिखाया है बालाघाट की डॉ. प्रज्ञा घरड़े ने। इस समय पूरा देश कोरोना की महामारी में चपेट में है इससे यात्री बसें, ट्रेन सहित सभी संसाधन बंद है। ऐसे में डॉ. प्रज्ञा घरड़े ने अपने आप को मरीजों की सेवा करने से रोक नहीं पाई और खुद स्कूटी से सात घंटे में 180 किमी नागपुर की दूरी तय कर ली।
डॉ. प्रज्ञा घरड़े बालाघाट मुख्यालय में बूढ़ी की रहने वाली है। जो नागपुर के सबसे बड़े कोविड सेंटर अस्पताल में अपने परिवार को छोड़कर कोविड अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में अपनी सेवा दे रही है। डॉ. प्रज्ञा घरड़े की लगन और जज्बा अन्य लोगों के लिए भी कोरोना संक्रमित मरीजों की सेवा करने की प्रेरणा दे रही है।
डॉ. प्रज्ञा घरड़े ने बताया कि नागपुर के मेड्रीट्रीना अस्पताल और शांति निकेतन अस्पताल में आरएमओ के पद पर कार्यरत है। लाकडाउन के चलते उन्हें नागपुर जाने के लिए कोई साधन नहीं मिल पा रहा था जिसकी वजह से उन्होंने 19 अप्रैल की सुबह आठ बजे स्कूटी से नागपुर के लिए निकल पड़ी।
नागपुर तक कि 180 दूरी अपनी स्कूटी से ही तय कर लिया और कहा कि कोरोना महामारी में यह मेरा धर्म है, मेरे लिए घर परिवार से ज्यादा महत्वपूर्ण राष्ट्र हित में कोविड-19 में सेवा देना है और राष्ट्र हित की सेवा करने में मैं आज अपने आप को बहुत भाग्यशाली मानती हूं कि मुझे ये अवसर मिला। मेरी मेड्रीट्रीना अस्पताल में छह घंटे की ड्यूटी होती हैं एवं शांति निकेतन अस्पताल में छह घंटे यानी लगातार 12 घंटे की। जिसमे हमें पीपीई किट पहने रहना पड़ता है एक बार पीपीई किट पहनने के बाद हम उसे 12 घंटों तक उतार नहीं सकते और ना ही हम 12 घंटों तक कुछ खा पी सकते। इन कठिन परिस्थितियों में यही हमारा कर्तव्य हैं और आज मेरे लिए मेरे कर्तव्य से बढ़कर कुछ भी नहीं है। राष्ट्र सेवा के रूप में संक्रमित मरीजों के इलाज में अपनी सेवा देने में तत्पर होने पर उसके परिवार एवं शहर के लोग भी गर्व महसूस कर रहे है।