आदिल सईद,वरिष्ठ पत्रकार की क़लम से
आज करीब सवा ग्यारह बजे मैं आपने घर से निकला और तीन किलोमीटर दूर सिहांसा गांव के एक्सिस बैंक के एटीएम पर पहुंचा, एटीएम मेन रोड पर ही है। वहां से रुपये निकाल कर धार रोड की तरफ बढ़ा, मुझे बेटमा जाना था। रास्ते मे कलारिया गांव के बायपास पर स्वीफ्ट डिज़ायर कार में सवार एक युवक ने मुझे रुकने का इशारा किया। मुझे लगा उसे मदद की जरूरत है, मैं रुक गया। इतने में दो गुंडों ने मेरी गाड़ी को घेर लिया और मुझसे डिक्की खोलने का कहा, इतने में एक ने मेरी कर का दरवाजा खोल लिया। उनका हुलिया देखकर मैं समझ गया कि गड़बड़ है, मैंने कहा तुम कौन हो डिक्की चेक करने वाले! अल्लाह ने उस वक़्त मेरी आवाज़ में रौब डाल दिया था। मेरी बात सुनकर वे एक पल के लिए ढिढक गए। वे कुछ करते इससे पहले मैंने कार दौड़ा दी, वे मेरे पीछे लग गए, मैंने फौरन तय किया कि पुलिस के पास पहुचना चाहिए, लेकिन थाना बेटमा वहां से करीब 12-14 किलोमीटर दूर था और इंदौर भी लगभग इतना ही, मैंने साफ सड़क और सीधा रास्ता होने की वजह से बेटमा पहुचना ठीक समझा, सोचा रास्ते मे पुलिस वाले मिल जाएंगे तो मदद ले लूंगा लेकिन नहीं मिले। इस दौरान वे लगातार मेरे पीछे थे और अब मेरी गाड़ी की स्पीड 100 से 120 किलोमीटर की थी, इस दौरान ग्राम माचल के आगे कुछ लोग अपनी भैंसों को लेकर सड़क पार कर रहे थे, मैंने गाड़ी की स्पीड कम करने की कोशिश की लेकिन गाड़ी लहरा गई और एक डिवाइडर से बमुश्किल ही बची, लोग देखकर सन्न रह गए, इस दौरान मैं अल्लाह से लगातार मदद मांग रहा था, दुआ कर रहा था। अल्लाह ने मुझे बेटमा थाने पहुंचा दिया, ये इतना छोटा खतरनाक सफर मैंने पहले कभी तय नहीं किया था कि ट्रैफिक में खुद को हादसे से बचाते हुए निकलना था। गुंडे भी जबरे थे, वे मेरे पीछे लगे रहे, शायद उन्हें पता नहीं था कि मैं जिधर मुड़ा हूं उधर थाना है। वे ठीक थाने के सामने आकर खड़े हो गए, इतनी देर में मैं पुलिस को वाकिया बता चुका था, वे न मालूम क्यों कार से उतरे और पुलिस ने उन्हें घेर लिया। यहां उन्होंने पैतरा बदला और कहने लगे ये एक्सीडेंट करके भागा है। मैंने कहा बताओ कहा एक्सीडेंट हुआ है और मेरी डिक्की क्यों खुलवा रहे थे। इतने मैं पुलिस को सारा माजरा समझ आ गया, उन्होंने गुंडों से पूछताछ शुरू की और फौरन तस्दीक की और कार्रवाई में लग गए। मुझसे भी शिकायती आवेदन ले लिया। मैंने एफआईआर दर्ज़ करने का कहा तो उन्होंने कहा, आप बेफ़िक्र रहें। पुलिस सख़्त कार्रवाई करेगी। थाने से निकलने के बाद मैंने घटना की जानकारी वरिष्ठ पत्रकार सूरज भैया, पत्रकार महेंद्र बागड़ी जी, पत्रकार सय्यद ज़ाफ़र भाई और पत्रकार निज़ाम भाई को दी। आप सब से गुजारिश है कि हाइवे पर किसी के रोकने पर गाड़ी न रोकें और कोशिश करें कि एटीएम से निकलकर सीधे हाइवे का सफर न करें। क्योंकि लुटेरे हाई वे से लगे एटीएम पर नज़र रखते हैं। मेरे लिए दुआ और मदद करने वाले सभी साथियों और बेटमा पुलिस और थाना प्रभारी साहब का शुक्रिया, अल्लाह से दुआ है, वो हम सब को हिफ़ाज़त से रखे। आमीन।