एक्सपोज़ टुडे, इंदौर।
कोरोना महामारी से संबंधित सोशल मीडिया पर प्रसारित टिप्पणियों को पोस्ट करने वाले नागरिकों पर एपिडेमिक डिजीज एक्ट, 1897 तथा डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट, 2005 के तहत कार्रवाई करने हेतु इंदौर कलेक्टर द्वारा धारा 144 के तहत पारित आदेश दिनांक 20.04.2021 को खारिज करने के लिए मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस के प्रवक्ता एवं विधि छात्र ने अधिवक्ता के माध्यम से मध्यप्रदेश शासन को कानूनी नोटिस भेजा है।
नोटिस भेजने वाले युवा कांग्रेस प्रवक्ता और लॉ स्टूडेंट जयेश गुरनानी ने जानकारी देते हुए बताया कि दिनांक 30.04.2021 को माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्वत्व संज्ञान के प्रकरण में महामारी को रोकने के लिए सोशल मीडिया की भूमिका को न्यायालय ने महत्वपूर्ण बतलाते हुए नागरिकों को संवाद एवं विचार अभिव्यक्त करने हेतु स्वतंत्रता देकर उनके अधिकारों से वंचित नहीं किए जाने की बात कही है, जिसके बाद भी कलेक्टर इंदौर द्वारा धारा 144 के अंतर्गत आम नागरिकों द्वारा कोरोना से संबंधित विचार एवं टिप्पणी पर रोक लगाते हुए असंवैधानिक आदेश पारित किया है जिस को खारिज करने हेतु श्री गुरनानी ने अधिवक्ता श्री विभोर खंडेलवाल के माध्यम से कानूनी नोटिस मध्यप्रदेश शासन के मुख्य सचिव एवं मध्य प्रदेश शासन के गृह विभाग सहित कलेक्टर इंदौर को ईमेल के माध्यम से दिया है।
कानूनी नोटिस मैं कहा गया है कि माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित आदेश के पालन अनुसार कलेक्टर इंदौर द्वारा लगाई गई रोक को शीघ्र वापस लेते हुए यदि आदेश खारिज नहीं किया जाता है तो फिर माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष याचिका दायर कर आम आम नागरिकों को अपनी पीड़ा एवं परेशानियों के संबंधित टिप्पणियां सोशल मीडिया पर पोस्ट करने की स्वतंत्रता देने की मांग प्रस्तुत की जाएगी।