गुना। कमलनाथ सरकार की महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी के प्रभार वाले जिले में ही एक सात साल की बालिका के साथ बाल विवाह का मामला सामने आया है। पीड़ित बालिका को पहले कुछ दबंग लोगों ने अगवा किया उसके बाद उसका 8 साल के लड़के से जबरदस्ती बाल विवाह करा दिया गया। पूरे मामले में बालिका के परिजनों ने गुना पुलिस अधीक्षक से गुहार लगाई है।
मामला गुना जिले के फतेहगढ़ थाना क्षेत्र के मिरवाड़ा गांव का है। यहां पर एक 7 साल की बच्ची को लगभग 20 दिन पहले कुछ दबंग लोगों ने अगवा किया। दबंग लोगों ने बालिका के माता-पिता के साथ मारपीट की। उसके बाद बालिका को कब्जे में लिया और उसके बाद 8 साल के बालक से उसका बाल विवाह करा दिया गया। जब बालिका का पिता थाने पर इस मामले में शिकायत दर्ज कराने गया था तो पुलिस ने उसे ही बंद कर दिया। बालिका के ताऊ ने 31 अगस्त को पुलिस अधीक्षक गुना से गुहार लगाते हुए इस मामले में कार्रवाई की मांग की है और लड़की को कब्जे से मुक्त कराने की गुहार लगाई है। एसपी से की गई शिकायत के बाद फतेहगढ़ थाना प्रभारी गजेंद्र बुंदेला गांव में पहुंचे और आरोपियों की तलाश की, लेकिन आरोपी फरार मिले। जिनकी पुलिस तलाश कर रही है।
महिला बाल विकास के अफसरों ने पल्ला झाड़ा
फतेहगढ़ थाना क्षेत्र के इस मामले में गुना का महिला बाल विकास विभाग पूरी तरह से अनभिज्ञ बना हुआ है और उन्हें इस मामले में किसी प्रकार की जानकारी तक नहीं है। जिला कार्यक्रम अधिकारी धीरेंद्र जादौन ने बाल विवाह की सूचना होने से इनकार किया। गुना जिला महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री इमरती देवी का प्रभार वाला जिला है और इसी विभाग के मंत्री के प्रभाराधीन जिले में बाल विवाह हो जाना चौंकाता है।
अपराध की श्रेणी में है बाल विवाह
18 साल से कम उम्र की बालिका का बाल विवाह कराना दंडनीय अपराध माना गया है। बाल विवाह रोकने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा तमाम योजनाएं चलाई जा रही हैं लेकिन इनका असर ग्रामीण क्षेत्र में देखने को नहीं मिल रहा है। महिला एवं बाल विकास विभाग जागरूकता के नाम पर लाखों रुपए का बजट हर साल खर्च करता है लेकिन मंत्री के प्रभार वाले जिले में ही बाल विवाह हो जाना इस बात को बताता है कि व्यवस्थाएं ठप हैं।