एक्सपोज़ टुडे।
भोपाल के अयोध्या नगर थाने के तत्कालीन TI हरीश यादव को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। भोपाल पुलिस कमिश्नर मकरंद देउस्कर ने उन पर लगे आरोपों की जांच के बाद बर्खास्तगी के आदेश जारी किए हैं। हरीश पर सेक्स रैकेट में शामिल कालगर्ल को संरक्षण देने, ग्राहकों को ब्लैकमेल करने, रेप जैसी गंभीर मामलों में फंसाने जैसे गंभीर आरोपों की जांच चल रही थी। तत्कालीन आईजी योगेश देशमुख के आदेश पर हरीश के खिलाफ जांच शुरू हुई थी। जांच में आरोप सही पाए गए। वर्तमान में हरीश प्रशिक्षण शाखा में पदस्थ थे। इस मामले में तीन पुलिसकर्मी सुभाष गुर्जर, अनिल जाट, लाड सिंह गुर्जर को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।
हरीश की शर्मनाक करतूत
निशातपुरा थाने में 28 अगस्त 2019 को मनीष नाम के युवक को दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। जमानत मिलने के बाद वह जेल से बाहर आया। तब दुष्कर्म का केस दर्ज करने वाली लड़की उससे पांच लाख रुपए की मांग करने लगी। मनीष को शक हुआ। उसने इसकी शिकायत पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से की। उसने बताया कि वह सेक्स रैकेट के अड्डे में गया था। जहां, उसके वीडियो बना लिए गए। इसके बाद उसे फंसा दिया गया। इसी बीच सितंबर 2019 निशातपुरा पुलिस ने सेक्स रैकेट चलाने वाली नीपा घोटे, रिजवाना नाम को गिरफ्तार किया। दोनों की पूछताछ में खुलासा हुआ कि वह अयोध्या नगर थाना प्रभारी हरीश यादव के संरक्षण में सेक्स रैकेट चलाती हैं। ग्राहकों के वीडियो बनाकर टीआई को देती हैं। टीआई ग्राहकों को रेप के केस में फंसाकर पैसा वसूलता है। टीआई और कालगर्ल में पैसे का बंटवारा कर लिया जाता है। जो ग्राहक पैसा नहीं देते उन्हें रेप के केस में फंसा दिया जाता है। तीन माह के अंदर करीब 10 लोगों को इस तरह से ब्लैकमेल किया गया था। कालगर्ल की पूछताछ के बाद टीआई हरीश को निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद उनकी पोस्टिंग सागर जिले हो गई थी।
कॉलगर्ल से ऐसे बनाए कनेक्शन
हरीश यादव अयोध्यानगर थाने में तैनाती के दौरान पहले सेक्स रैकेट के अड्डों में दबिश देते थे। इस दौरान वह कालगर्ल को इस शर्त पर छोड़ते थे कि आगे से वह जिस तरह से कहेंगे वैसे करना पड़ेगा। पैसे के लालच में टीआइ गिरोह का हिस्सा बने। इसके बाद कॉल गर्ल से मिलकर लोगों को पहले फंसाया फिर धमकी देकर लाखों रुपए वसूले। लोग भी बदनामी के डर से चुप रह गए। अयोध्या नगर में लगभग सभी कॉल गर्ल तत्कालीन टीआई यादव के संपर्क में रहती थीं। वह लगातार उनसे बात भी करता था। टीआई कॉल गर्ल के बीच हुई बातचीत की रिकार्डिंग भी पुलिस अधिकारियों को मिली थीं।
ऐसे जाल में फंसाया
कॉल गर्ल किसी व्यक्ति के साथ जाने की खबर टीआइ को देती थी। इसके बाद वह थाने से दल-बल के साथ पहुंचकर लकड़ी के साथ मिले व्यक्ति को दबोच लेता। आपत्तिजनक हालत में मिलने से लोग विरोध भी नहीं कर पाते थे। और बदले में मोटी रकम जो कई लाख में होती थी उनसे वसूली जाती थी। जो लोग मौके पर पुलिस के हत्थे नहीं चढते थे उनसे वसूली के लिए लड़कियां से शिकायत कराने के बाद थाने बुलाकर रुपया ऐंठा जाता था। भोपाल आइजी द्वारा कराई गई जांच में टीआइ यादव के कनेक्शन अयोध्यानगर सहित भोपाल की कई चर्चित कॉल गर्ल से होने के साक्ष्य मिले थे।