November 21, 2024

कलेक्टर ने धारा 144 दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 तथा द एपेडेमिक डिसिज एक्ट  1897 और नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 के तहत जारी किये प्रतिबंधात्मक आदेश।

एक्सपोज़ टुडे।

इंदौर कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी मनीष सिंह ने शासकीय एवं निजी स्कूलों में 15 से 17 वर्ष आयु श्रेणी के बच्चों के टीकाकरण के संबंध में धारा 144 दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 तथा द एपेडेमिक डिसिज एक्ट  1897 और नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किये है। इस आदेश का उल्लंघन करने वालों के विरूद्ध भारतीय दण्ड विधान की धारा-188 के तहत दण्डनीय कार्रवाई की जायेगी। 
इंदौर जिले में 15-17 वर्ष आयु श्रेणी के बच्चों का कोविड टीकाकरण का अभियान वर्तमान में प्रचलित है। यह कार्य मुख्यतौर पर दो श्रेणी में हो रहा है। जिले के समस्त शासकीय एवं निजी स्कूल के प्राचार्य एवं संचालकगण शिक्षा विभाग के पर्यवेक्षण में यह कार्य कर रहे है। शासकीय विभाग के अधिकारी इसमें आवश्यक सहयोग प्रदान कर रहे है।
 इस आयु वर्ग के विभिन्न स्कूल से ड्रॉपआउट हुए बच्चों के टीकाकरण का स्थानीय निकाय द्वारा सम्पूर्ण जिले में अपने अधिकारियों एवं एन.जी.ओ. के माध्यम से किया जा रहा है। इसके तहत समग्र पोर्टल से जानकारी प्राप्त कर नगर निगम इन्दौर, सभी 08 मुख्य नगर पालिक अधिकारी एवं 04 सी.ई.ओ. जनपद कार्य कर रहे है।



यह देखने में आया है कि विभिन्न स्कूलों में प्राचार्य तथा निजी स्कूल संचालकों द्वारा 15 से 17 वर्ष आयु के बच्चों के टीकाकरण करने में लापरवाही की जा रही है। शिक्षा विभाग के जिला शिक्षा अधिकारी, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, संकुल प्राचार्य का यह दायित्व है कि सभी निजी एवं शासकीय स्कूलों के प्राचार्य / शिक्षकों के माध्यम से इस आयु वर्ग के बच्चों एवं उनके माता-पिता को जागरूक करते हुए टीकाकरण करवायें। कई स्थानों पर बच्चों से स्कूल के संचालकों / प्राचार्यो द्वारा संपर्क नहीं किया गया है, जिससे कि बच्चों के टीकाकरण कार्य में सहयोग देने के बाद भी शिक्षा विभाग के अधिकारियों तथा निजी स्कूल के संचालकों के लापरवाही के चलते इस आयु वर्ग के बच्चों के टीकाकरण का कार्य प्रभावित हो रहा है।उक्त परिस्थितियों के चलते अब  स्कूल खुल गए है, इसके मद्देनजर टीकाकरण से वंचित रह गए छात्रों के साथ-साथ अन्य छात्रों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ने की आशंका निर्मित हो गई है। 
कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने शिक्षा विभाग के समस्त अधिकारियों / कर्मचारियों के साथ-साथ निजी सी.बी.एस.सी. / एम. पी. बोर्ड स्कूल संचालकों एवं प्राचार्यो, समस्त मदरसा संचालकों को निर्देशित किया है कि प्रत्येक शासकीय एवं निजी स्कूल प्राचार्य 15 से 17 वर्ष आयु के श्रेणी के बच्चों की सूची अपने पास तैयार रखें, जो उस स्कूल में पंजीकृत है। इस सूची में वर्णित ऐसे समस्त छात्रों का कोविड टीकाकरण प्रमाण पत्र प्राचार्य अपने पास रखें, ताकि निरीक्षण के समय दिखाया जा सके।
निर्देश दिये गये है कि समस्त शासकीय / निजी स्कूल प्राचार्य के पास जानकारी भी होनी चाहिए, कि छात्रों को प्रथम डोज किस दिनांक को लगा था तथा द्वितीय डोज लगाए जाने की तिथि 28 दिवस उपरांत किस दिनांक को रहेगी। जिन छात्रों द्वारा (15 से 17 आयु वर्ष) प्रथम डोज वैक्सीनेशन का प्रमाण पत्र जमा नहीं किया गया है उनकी सूची भी प्राचार्य के पास होनी चाहिए तथा प्राचार्य की जिम्मेदारी होगी कि ऐसे छात्रों का जागरूक कर टीकाकरण करवा ले।
समस्त एस.डी.एम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार तथा जिला शिक्षा अधिकारी, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी एवं डी.पी.सी. / बी.आर. सी. नगर निगम इन्दौर के अधिकारी, समस्त 08 मुख्य नगर पालिक अधिकारी, समस्त 04 सीईओ जनपद अपने-अपने क्षेत्रों में शासकीय एवं निजी स्कूल का निरीक्षण करेंगे। शासकीय स्कूल में लापरवाही पाए जाने पर वहां के प्राचार्य के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रस्तावित की जायेगी। सी.बी.एस.सी./ एम.पी. बोर्ड के निजी स्कूलों के संचालकों एवं प्राचार्य की निरीक्षण के दौरान लापरवाही पाए जाने पर धारा 144 दण्ड प्रक्रिया संहिता में आवश्यक वैधानिक कार्यवाही सम्पूर्ण जिले में क्षेत्रीय मजिस्ट्रेट सुनिश्चित करेंगे। सभी अधिकारी बस्ती क्षेत्रों में स्थित एम. पी. बोर्ड के स्कूलों एवं मदरसों का विशेष तौर पर निरीक्षण करेंगे ताकि वहां पर कोई लापरवाही की जा रही है, तो वैधानिक कार्यवाही की जा सके।

Written by XT Correspondent