November 21, 2024

पूर्व डीजी पर लोकायुक्त का शिकंजा,कहानी इंदौर में हुई एक एफ़आइआर से जुड़ी।

सीनियर आईपीएस लोकायुक्त के शिकंजे में, इंदौर के एमआईजी थाने में हुई एक एफ़आइआर से जुड़ी
मध्यप्रदेश के एक पूर्व सीनियर आईपीएस पर लोकायुक्त का शिकंजा कसा जा रहा है। जमीन प्रेमी यह अफ़सर इंदौर में कई ज़मीनों के मामले में ख़ासा दख़ल रखते हैं। कुछ सालों पहले एमआईजी थाने पर  शहर के एक बिल्डर और आईपीएस के पुराने मित्र पर 420 की एफ़आइआर हुई थी।तब यह  जेल विभाग में डीजी हुआ करते थे। पुलिस ने दबाव में आकर बिल्डर का ऐसे सत्कार किया था मानो वह कोई चोर उच्चका हो। खबर नवीसों का कहना है कई 2015 में इंदौर के एमआईजी थाने में हुई एफ़आइआर से संबंधित लोग ही इन आईपीएस के कारनामे सभी जगह पहुंचा रहे हैं। मामला आईपीएस और बिल्डर के बीच विशुद्ध रूप से लेनदेन का था। आईपीएस ने रियल स्टेट के किसी प्रोजेक्ट में पैसा लगाया था उसमें कुछ गड़बड़ हुई थी। फिर क्या था पुलिस के रूतबे का उपयोग कर बिल्डर पर शिकंजा कसा गया।

पूर्व डीजी ने इंदौर में हाउसिंग की सोसायटी की करोड़ों रूपए की ज़मीन  बेटे के नाम से ली और हो गई अब फंसे कार्रवाई में।
मध्य प्रदेश पुलिस के एक पूर्व डीजी ने इंदौर के कनाडिया गाँव में बेटे के नाम से हाउसिंग सोसायटी की 40 करोड़ की ज़मीन ले ली। जबकि हाउसिंग सोसाइटी की ज़मीन ब्लक में नहीं बेची जा सकती । इस मामले की जब शिकायत हुई तो प्रशासन सक्रिय हुआ मामले की जाँच एक आईएएस के नेतृत्व में कमेटी बना कर कराई गई। जांच में घपला साबित हो गया । अब सहकारिता विभाग द्वारा हाउसिंग सोसायटी की इस ज़मीन की रजिस्ट्री शून्य कराने की कार्रवाई शुरू हो गई।
यह है आईपीएस का नया अर्थ आईपीएस यानि इंदौर पुलिस सर्विस। ख़ुफ़िया जाँच में निशाने पर चमत्कार दिखाने वाले टीआई 
आईपीएस यानि इंडियन पुलिस सर्विस को मध्य प्रदेश के इंदौर में अलग नाम हो गया है यहाँ बरसों से जमे थाना प्रभारी एसीपी, एडिसीपी को इंदौर पुलिस सर्विस कहा जाने लगा है क्योंकि यह कहीं भी ट्रांसफ़र या प्रमोशन पर जाते हैं तो छह माह बाद वापस इंदौर आ जाते हैं। कई टीआई ऐसे हैं जिनकी पूरी नौकरी ही इंदौर में हो गई। कई  टीआई से डीएसपी हो गए लेकिन इंदौर नहीं छूटा। कई डीएसपी से एडिशनल एसपी हो गए लेकिन इंदौर नहीं छूटा। लेकिन पिछले दिनों ख़ुफ़िया विभाग ने इनकी कुंडली बना ली है टीआई स्तर के अफ़सरों के कई कारनामों का खुलासा हुआ है। अब रवानगी यानि ट्रांसफ़र भी होंगे और जाँच भी।

इंदौर की महिला पुलिस अफ़सर को लाखों की वसूली के लिए खोज रहे हैं दिल्ली के व्यापारी
इंदौर में पदस्थ एक विवादित महिला पुलिस अधिकारी को दिल्ली के व्यापारी खोज रहे हैं। मेडम से इन व्यापारियों को लाखों रूपए का पेमेंट लेना है लेकिन काम होने के बाद मेडम ने सबका नंबर ब्लॉक कर दिया है। इंदौर से पहले यह मेहतरमा जिस ज़िले में पोस्टेड थी वहाँ भी व्यापारी पहुंचे और एसपी को शिकायत की लेकिन एसपी ने कहा अब यह मेरे ज़िले में नहीं है आप इंदौर जाइए। व्यापारी अड गए हैं जब वे यहाँ पदस्थ थी तब काम कराया था इसलिए आप यहाँ 420 की एफ़आइआर दर्ज करो।

आईपीएस की हाई प्रोफ़ाइल 420 की एफ़आइआर में आरोपी का नाम हटाने की ज़िद
 शहर में पदस्थ एक आईपीएस 420 की एफ़आइआर में से 5 आरोपियों में से एक आरोपी का नाम हटाने के लिए टीआई और थाने पर ज़बरदस्त दबाव बनाए हुए हैं। टीआई ने परेशान होकर सब इंस्पेक्टर आईओ (इन्वेस्टीगेशन ऑफ़िसर) को बुलाकर बोल दिया तुम कुछ भी करो इसका नाम हटा दो। अब सब इंस्पेक्टर क़ानून के जानकारों के चक्कर लगा रहे हैं। एक वरिष्ठ अफ़सर तक मामला पहुँचा तो उन्होंने साफ़ कह दिया की तुमने अगर किसी के कहने पर आरोपी का नाम हटाया तो तुम्हारी नौकरी चली जाएगी।

ख़ुफ़िया विभाग की महिला अफ़सर ही ग़ायब
इंदौर की ख़ुफ़िया विंग में तैनात एक महिला अफ़सर लंबे समय से ऑफिस नहीं जा रही  हैं। गोपनीय सूचनाओं की जाँच की ज़िम्मेदार अफसर ऑफिस ही नहीं आती। कई मामले लंबे समय से पेंडिंग है। पुलिस मुख्यालय को इस अफ़सर की कोई जानकारी नहीं है। ऑफिस में बैठने वाले जूनियर अफ़सर मेडम के बारे में कुछ भी बोलने से बचते रहते हैं।वहीं  जब मेडम को कोई फाइल देने जाना होता है तो वह भी टेढ़ी खीर है मेडम धर पर पर भी आसानी से उपलब्ध नहीं है। यह इंदौर जिला पुलिस बल में पदस्थ रही है। पुलिस मुख्यालय अपनीअफ़सर की मनमानी से अनजान बना हुआ है।
स्पा वालों से बॉयफ़्रेंड के साथ वसूली करने वाली थानेदार का वीडियो बन गया
इंदौर के पूर्वी क्षेत्र के एक चर्चित थाने की महिला थानेदार ने अपने बॉयफ़्रेंड के साथ मिलकर स्पा वालों से जमकर वसूली की। लेकिन इस बीच एक स्पा में लगे सीसीटीवी में महिला थानेदार का वीडियो बन गया। यह वीडियो एक पुलिस अफ़सर ने सही जगह पहुंचा दिया है।
बात ब्यूरोक्रेसी की
मुंबई से हो रही है आईएएस की जासूसी
मध्य प्रदेश में पदस्थ एक प्रमुख सचिव की जासूसी उनके पूर्व पति करा रहे हैं। वह कभी पत्रकारों से संपर्क करते हैं तो कभी दूसरे माध्यमों से मेडम की इनकम और पोस्टिंग के दौरान गड़बड़ी तलाशते रहते हैं। हालाँकि अभी तक कोई ठोस जानकारी वे तलाश नहीं पाए हैं।
सीसीटीवी प्रेमी आईएएस
एक प्रोमोटी आईएएस इन दिनों चर्चा में हैं। नए विभाग में आते ही 250 कैमरे लगाने का आदेश दे दिया। जिस विभाग में इनकी पोस्टिंग हुई वह किसानों से संबंधित विभाग है। इस विभाग के कई गोदाम ख़ाली और बंद पड़े हैं लेकिन नवागत आईएएस सीसीटीवी इन सभी जगह लगवाना चाहते हैं क्योंकि सीसीटीवी लगाने वाली फ़र्म से अंडर स्टेंडिंग अच्छी हो गई है।
आईएएस की किताब की हो रही है सराहना
मध्य प्रदेश सरकार में पदस्थ आईएएस पी नरहरि द्वारा बेटियों पर लिखी गई किताब को काफ़ी समय बाद भी बहुत सराहा जा रहा है। इस किताब ने नरहरि की एक अलग ही ईमेज बना दी है।
Written by XT Correspondent