एक्सपोज़ टुडे।
स्टोरी बिहाइंड द कर्टेन
इंदौर के कई शिक्षाविद को चूना लगा गया भोपाली डीएसपी।
इंदौर के कई शिक्षाविदों को यूनिवर्सिटी में कुलपति बनने के सपने हैं वे इसके लिए रास्ते तलाशते रहते हैं इंदौर के रहने वाले एक टीआई जो अब कार्यवाहक डीएसपी है । उन्होंने इंदौर के कई लोगों से राजभवन में पहचान का हवाला देकर महँगे गिफ़्ट ले लिए।खुद को राजभवन में पदस्थ होना बताकर कभी रूपए तो कभी इंदौरी नमकीन मिठाई मँगवाते, कभी एयर टिकट की माँग, तो कभी किसी को इंदौर घूमने के दौरान महँगे होटल में रूकवाने की माँग करते थे। डीएसपी सारे फ़ायदे लेकर अचानक ग़ायब हो गए। अब इंदौरी शिक्षाविद इस डीएसपी को तलाश रहे हैं लेकिन अब डीएसपी ने सभी के नंबर ब्लॉक कर दिए हैं। शिक्षाविदों को डीएसपी द्वार दी गई शिक्षा जीवन भर याद रहेगी।
इंदौर कीं ऑफ़िसर्स मेस में महिला के साथ पकड़ाए एडिशनल एसपी हुए नौकरी से बाहर
इंदौर की पुलिस ऑफ़िसर्स मेस में जयपुर की महिला शिक्षिका के साथ पकड़ाए एडिशनल एसपी को सरकार ने नौकरी से बाहर कर दिया है। रंगीन मिज़ाज इन साहब की नौकरी भी इस महिला के कारण ही गई है।इस महिला ने ही एडिशनल एसपी पर रेप की एफ़आइआर दर्ज करा रखीहै। इंदौर में पदस्थ आईजी ने मेस पर एक युवा आईपीएस से छापा डलवाया था तब यह एडिशनल एसपी धरा गए थे।
सीआईडी में पोस्टिंग के दौरान फ़ायनेंशयल फ़्रॉड की जाँच करते हुए महिला के पति पर एडिशनल एसपी ने कार्रवाई की। फिर मामले को निपटाने के लिए महिला का इस्तेमाल करते रहे। लेकिन पति को ज़मानत न मिलने पर महिला ने 376 की एफ़आइआर दर्ज करा दी तब से एडिशनल एसपी फ़रार चल रहे थे।
भू माफिया चंपू पुलिस अफ़सर के ऑफिस में
चर्चित भू माफिया चंपू अजमेरा की इंदौर में पदस्थ एक पुलिस अफ़सर से नज़दीकी चर्चित हो रही है। चंपू सीना चौड़ा कर इस अफ़सर के न केवल दफ़्तर में जाता है बल्कि जब अफ़सर बैठक में व्यस्त होते हैं तब बिना डर के साहब के ऑफिस के बाहर वेटिंग में अपने साथी के साथ बैठा होता है। साहब और चंपू की नज़दीकी देख पुलिस महकमें के जूनियर भी दंग हैं।
डीएसपी के फ़ायरिंग कांड की आग में झुलस सकते कई अफसर
इंदौर में पदस्थ पुलिस अफ़सर ने सरकारी रिवाल्वर अपने बेटों को थमाई फिर बेटों ने तड़ातड गोलियां बरसाना शुरू कर दिया। फ़ायरिंग रेंज में पिता सरकारी हथियार का दुरूपयोग होते हुए देखते रहे। एक नहीं कई बार फ़ायरिंग हुई। घटना का वीडियो भी बन गया है। आश्चर्यजनक बात यह रही की जिस जगह फ़ायरिंग की गई वहां पुलिस अफसर का स्टॉफ भी मौजूद था लेकिन किसी की हिम्मत नहीं हुई की रोक सके। अब इस मामले की जाँच शुरू हो गई है। इस जाँच में इंस्पेक्टर समेत एडिशनल एसपी स्तर के अफ़सरों पर भी गाज गिरना तय है।
गृह मंत्री के टीआई के आगे डीसीपी की भी नहीं चलती
इंदौर में गृह मंत्री के नज़दीकी टीआई की जब से पोस्टिंग हुई है वे किसी की नहीं सुनते। डीसीपी 10 बार फ़ोन करने के बाद भी टीआई के कान पर जूं नहीं रेंगती। वह डीसीपी को क़ानून बता कर चुप करा देते हैं। डीसीपी भी अपमानित महसूस कर अब कुछ नहीं बोलते। सनद रहे टीआई केवल फ़ोटो खिंचवाने में भरोसा रखते हैं।
भोपाल से रिटायर हुए आईपीएस का निजी मकान, सेवा में वर्दी वाले जवान
पिछले दिनों भोपाल से रिटायर हुए एक सीनियर आईपीएस का मकान इंदौर में बन रहा है। इस मकान के कान में कई पुलिसकर्मी लगे हैं। यह कहाँ से पुलिसकर्मी हैं किसी को जानकारी नहीं है। रिटायर होने के बाद अफ़सर की तिमारदारी में लंबी फ़ौज काम कर रही है। पूरी नौकरी ईमानदारी का तमग़ा लेकर करने के बाद अफ़सर सारे नियम को दरकिनार कर पुलिस का ही दुरूपयोग कर रहे हैं।
आधा दर्जन एसपी और 3 डीआईजी वाला इंदौर
इंदौर में पुलिस कमिश्नरी लागू होने के बाद आधा दर्जन एसपी और 3 डीआईजी लेवल के अफ़सर हैं। लेकिन फिर भी क्राइम कंट्रोल के मामले में हालत ख़राब है। कमिश्नर प्रणाली लागू कर अफ़सरों की फ़ौज तो बैठा दी लेकिन थाने में जवानों संख्या नहीं बढी। नतीजा यह है की बीट में जवान कम है अफ़सरों के बंगलों पर उनकी चाकरी में जवान ज़्यादा लगाए गए हैं। गाड़ियों की भी संख्या कम है।
बात ब्यूरोक्रेसी की
एमपी टूरिज़म की सायकल घर ले गई महिला आईएएस विभाग की “छवि”बिगड़ी
एमपी टूरिज़म में पदस्थ रही फिर निमाड के एक ज़िले की कलेक्टर भी रही एक महिला आईएएस टूरिज़्म डिपार्टमेंट की सायकल नहीं लौटा रही है। मोहतरमा को सायकल चलाने का चस्का लग तो दो सायकल मंगवा कर घर रखवा ली यह सायकल होटल में आने वाले मेहमानों के घूमने के लिए थी। लेकिन अब महिला आईएएस के बंगले की शोभा बढ़ा रही हैं। लेकिन विभाग के रजिस्ट्रर में अब भी यह सायकल मेडम के नाम से लिखी हैं। इससे विभाग की भी “छवि” बिगड़ रही है।
एक दर्जन कलेक्टर कांग्रेस के निशाने पर
प्रदेश के क़रीब एक दर्जन कलेक्टर कांग्रेस के निशाने पर हैं। कांग्रेस नेताओं का कहना का यह वही कलेक्टर है जो सरकार के एजेंट बनकर काम कर रहे हैं। कुछ तो इस कदर निरंकुश है की वह यह भूल जाते हैं की लोक सेवक हैं या नेता । इन सभी की कुंडली बन रही हैं।
इंदौरी जाइंट कमिश्नर चुनावी मैदान में
इंदौर में जाइंट कमिश्नर कॉपरेटिव रहे जगदीश कन्नौज चुनाव मैदान उतर रहे हैं। पिछली बार हुए विधानसभा चुनाव मैं नौकरी छोड़ कर चुनाव लड़ना चाह रहे थे लेकिन इस बार विधानसभा चुनाव से पहले ही रिटायर हो चुके कन्नौज की नज़र कुक्षी विधानसभा पर है उन्होंने तैयारियाँ भी शुरू कर दी हैं।कन्नौज ऐसे अफ़सर रहे हैं जिन्हें दोनों की राजनीतिक पार्टी में महत्व दिया गया है।