एक्सपोज़ टुडे।
इंदौर का बहुचर्चित भू माफिया दीपक जैन उर्फ मद्दा अब ईडी की गिरफ्त में आया है , पिछले कई दिनों से मद्दा जेल में बंद है। इधर ईडी ने मद्दा को उठाया उधर भोपाल में बैठे मद्दा के पार्टनर पूर्व आईपीएस बेचैन हो गए। कनाडिया गाँव की बेशक़ीमती ज़मीन को ठिकाने लगाने में मद्दा के यह आईपीएस पार्टनर रहे हैं।अब ईडी के सीनियर ऑफ़िसर्स से संपर्क करने की कोशिश कर यह जानने का प्रयास कर रहे हैं की उन पर तो शिकंजा नहीं कस रहा है ?
ज़िला प्रशासन की सख़्ती के बाद करोड़ों की ज़मीन से हाथ धोने के बाद अब आईपीएस पर ईडी का शिकंजा कसता तय है। क्योंकि आईपीएस ने बेटे के नाम पर कनाडिया गाँव में करोड़ों रूपए की बेशक़ीमती हाउसिंग सोसाइटी की ज़मीन मद्दा से ले ली। यह सब ऑन रिकॉर्ड है।
ईडी ने इन्दौर के कुछ भू माफियाओं के ठिकानों पर छापे डालने के बाद उनसे पूछताछ शुरू की , जो लगातार जारी है. 30 से अधिक को नोटिस भी जारी किए गए. इसी कड़ी में ईडी ने शनिवार को जेल में बंद दीपक मद्दे को गिरफ्तार कर किया और फिर उसे कोर्ट में पेश किया गया . ईडी द्वारा मद्दे को प्रोडक्शन वारंट पर जेल से लाकर कोर्ट में पेश किया और 14 दिन की रिमांड मांगी , लेकिन कोर्ट ने 9 जून तक की रिमांड मंजूर की और मद्दे को ईडी को सौंपा.
ईडी ने पिछले दिनों सुरेंद्र संघवी, प्रतीक संघवी , मनीष सहारा , धवन सहित अन्य जमीनी कारोबारियों से पूछताछ की थी , वही मद्दे की पत्नी समता जैन को भी ईडी ने तलब किया था , क्योंकि मद्दे ने कई गृह निर्माण संस्थाओं की जमीनों की रजिस्टिया अपनी पत्नी समता के नाम पर बनाई फर्मों में करवा दी . अब ईडी ने मद्दे को अपनी गिरफ्त में लिया है ताकि मनी लांड्रिंग से संबंधित जो तथ्य सामने आए हैं , उस बारे में उससे पूछताछ की जा सके. मद्दे की गिरफ्तारी के बाद अन्य भूमाफियाओं में भी हड़कंप मच गया है .आईपीएस खुद को घिरता देख बचाव की मुद्रा में है।
अग्रवाल को मिल गई जमानत, इंदौर आया
बीते एक साल से भी अधिक समय से इंदौर के बिल्डर – कॉलोनाइजर विजय अग्रवाल भी एक मामूली गलती के चलते ईडी के चंगुल में फंस गए थे और लंबे समय तक ईडी ने उसे अपनी गिरफ्त में ले रखा था . दरअसल एक बड़े हवाला कारोबारी जैन की एक कंपनी में स्टांप ड्यूटी बचाने के चक्कर में विजय अग्रवाल डायरेक्टर बन गया था और जब हवाला कारोबारी को ईडी ने गिरफ्तार किया तो उस चक्कर में विजय अग्रवाल भी उलझ गया . ईडी द्वारा गिरफ्तार कर लिए जाने के बाद कुछ समय उसे तिहाड़ जेल में भी बिताना पड़े और फिर बीमारी के चलते उसे सशर्त अस्थाई जमानत मिली, मगर पूछताछ के लिए उसे ईडी ने दिल्ली में ही रहने के निर्देश दिए , तब से वह दिल्ली में ही रह रहा था मगर अभी दो दिन पहले विजय अग्रवाल को स्थाई जमानत मिल गई , जिसके बाद वह कल इंदौर भी पहुंच गया है .