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सीबीआई ने भोपाल से एक डीएसपी को गिरफ़्तार करने के बाद इंदौर से क़रीब 9 कॉलेज संचालकों को गिरफ़्तार किया है। इसमें धार का एक कॉलेज संचालक भी है।
मध्यप्रदेश नर्सिंग कॉलेज घोटाले की जांच के लिए रिश्वत लेने के मामले में मंगलवार को सीबीआई ने 10 नए आरोपी घोषित किए हैं। इनमें सीबीआई के ही डीएसपी और एक इंस्पेक्टर शामिल हैं। अब मामले में 4 सीबीआई अफसरों को मिलाकर आरोपियों की संख्या कुल 23 हो गई है।
पिछली पूरी जांच टीम ही संदेह के दायरे में आ गई है। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के आदेश पर गठित जांच टीम ने 600 में से 308 नर्सिंग कॉलेजों की जांच रिपोर्ट दी थी। इस टीम ने रीवा के सरकारी कॉलेज को अनफिट करार दिया था। वहीं, कई ऐसे कॉलेज हैं, जो फिट नहीं थे और उन्हें फिट बता दिया था।
अब दिल्ली के सीबीआई अधिकारी, भोपाल के अफसरों को पूरे मामले से अलग रखकर हर संदेही की जानकारी जुटा रहे हैं। इसके लिए सोमवार तक गिरफ्तार किए गए आरोपियों को लेकर एक टीम दिल्ली गई है।
नए आरोपी डीएसपी आशीष प्रसाद और इंस्पेक्टर ऋषिकांत असाठे भोपाल के शिवाजी नगर में रहते हैं। इससे पहले सीबीआई इंस्पेक्टर राहुल राज और सुशील कुमार मजोका गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
अफसरों की रिश्वतखोरी की शिकायत के बाद सीबीआई की 7 कोर टीम और 3 से 4 सहायक टीमों ने भोपाल, इंदौर, रतलाम समेत राजस्थान के जयपुर में 31 ठिकानों पर छापेमारी की थी। कुल 2.33 करोड़ नकद, चार सोने के बिस्किट और 36 डिजिटल डिवाइज जब्त की गईं। आरोपियों से 150 से अधिक अनाधिकृत दस्तावेज भी मिले।
सीबीआई की छापेमारी के दौरान सबसे पहले इंस्पेक्टर राहुल राज को 10 लाख रुपए लेते हुए गिरफ्तार किया गया था। रिश्वत देने वाले 4 अन्य लोगों को भी हिरासत में लिया गया था। इनमें नर्सिंग कॉलेज के मालिक अनिल भास्करन की पत्नी सुमा भी शामिल थीं।
सीबीआई ने दलाल के रूप में काम कर रहे ओम गोस्वामी, रवि भदौरिया और जुगल किशोर सहित तीन महिलाओं को भी गिरफ्तार किया है।
आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद इस मामले में कई खुलासे हुए हैं। आरोपी रिश्वत के लेन-देन में छाछ गिलास, अचार की बरनी जैसे विशेष कोडवर्ड का इस्तेमाल कर रहे थे। पैसा उठाने वाले को कैरियर, लाखों रुपए को अचार की बरनी और रुपयों की गिनती को किलो आम कहते थे।