September 23, 2024

कार के स्टेयरिंग की रिपेयरिंग में करना चाह रहे थे “खेल”, फिर कार कंपनी के अधिकारी की ली जमकर “खबर”।

लेखक डॉ आनंद शर्मा आईएएस अधिकारी हैं और पूर्व मुख्यमंत्री के पूर्व विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी रहे हैं।
रविवारीय गपशप 
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                      भारत में पैर जमा चुकी बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने ग्राहक संतुष्टि के लिए नये नये प्रयोग किए हैं । ऑनलाइन फ़ीडिंग , व्हाट्स एप पर ए.आई. द्वारा समस्या के समाधान के प्रयोग आदि आदि । ये प्रयोग लुभाते तो हैं , पर सीधी बात करके पुराने समय में जैसी हम अपनी समस्या का निराकरण करा लेते थे उससे ये कोसों दूर हैं । और तो और नई नवेली चमकदार प्रणालियाँ पर आधारित ग्राहक संतुष्टि के ये प्रयास ज़मीनी स्तर इसके लिए भारी भरकम रक़म वसूल करते हैं और तब भी समस्या का निदान नहीं हो पाता है ।
                     पिछले दिनों जब भोपाल से इंदौर के लिये अपना सामान-असबाब शिफ्ट करने का मौक़ा आया तो मैंने जिओ के फ़ाइबर केबल का कनेक्शन समाप्त करने का सोचा . क्योंकि इंदौर में मेरे फ़्लेट पर पहले से जिओ का कनेक्शन था । मुझे ये जान के आश्चर्य हुआ कि माय जिओ के एप में कहीं भी ये सुविधा नहीं थी । जो हेल्पलाइन नंबर्स थे उस पर केवल कम्प्यूटर बोलता था और रिलोकेशन के अलावा कोई विकल्प ही नहीं आता था । मैंने उज्जैन के अपने पुराने संपर्क के हवाले से इस समस्या का हल ढूँढा और जिओ के भोपाल कार्यालय के भाटिया जी ने इस मामले में मेरी मदद की ।
                 भोपाल में शिफ्ट होने के पहले मेरी हुण्डई वरना कार की सर्विसिंग भी ड्यू हो गई थी , जिसके लिए रिकॉर्ड के आधार पर कंपनी से मेरे पास फ़ोन आ रहे थे । मैंने सोचा चलने के पहले इसकी भी सर्विसिंग करा लें । कार में कुछ दिनों से स्टीयरिंग घुमाने पर कर्र-कर्र की हल्की आवाज़ आ रही थी तो मैंने सोचा सर्विसिंग के बहाने ये भी ठीक हो जाएगी । मैंने कंपनी को सहमति दी तो बाक़ायदा सुरजीत हुण्डई से ड्राइवर कार लेने आ गया । मैंने उसे परेशानी का ज़िक्र भी कर दिया और थोड़ी देर बाद कंपनी से फ़ोन आया कि हम व्हाट्स एप पर एक ग्रुप बना रहे हैं जिसमें आप शामिल हैं , हम जाँच के बाद आपसे एस्टिमेट शेयर करेंगे । मुझे लगा ये तो बढ़िया बात है , थोड़ी देर बाद मुझे उनके किसी सहायक प्रबंधक का फ़ोन आया कि गाड़ी की मरम्मत का एस्टिमेट ग्रुप पर डाल दिया है आप ओके करो तो गाड़ी सर्विसिंग में भेजेंगे । मैंने संदेश का अवलोकन किया तो उसमें स्टीयरिंग के काम का तो ज़िक्र ही नहीं था । मैंने वापस उन महाशय को फ़ोन किया “ कि जनरल सर्विस तो ठीक है पर भाई मेरी समस्या का तो कोई हल आपने सुझाया ही नहीं । हुण्डई की ओर से अग्निहोत्री जी थे , कहने लगे उसके लिए तो मैंने मैकेनिक से बात की है आपके स्टीयरिंग का पूरा शाफ़्ट ही बदलेगा और उसके लिए भी आपको एडवांस में रिक्वेस्ट डालनी होगी तब कहीं हफ़्ते दस दिन में वो बदल पाएगा । मैंने दरियाफ़्त की कि उसमें कितना धन खर्च होगा , तो अग्निहोत्री जी बोले बत्तीस हज़ार के लगभग रुपये लगेंगे । खर्च की राशि सुनकर मैं चौंका मामूली करकराहट ठीक करने में इतने पैसे लग जाएँगे ये बात हज़म नहीं हो रही थी । मैंने कहा अग्निहोत्री जी आपके मैकेनिक ने स्टीयरिंग खोल कर देखा भी है या नहीं ? अग्निहोत्री जी बोले मैकेनिक से मैंने बात कर ली है वह कह रहा है समस्या का हल पूरा स्टीयरिंग शाफ़्ट बदलना ही है , आप तो अभी सर्विसिंग करा लो बाद में देखना । मैंने असमंजस भरे स्वर में कहा “ भाई मेरे स्टीयरिंग का मामला है , कहीं कोई और दिक़्क़त हुई तो मुसीबत हो जाएगी । तीन चार बार बात करने के बाद भी मेरे बार बार कहने पर भी यही जवाब मिला तो मैंने कहा ठीक है सर्विस कर के कार वापस कर दो । दूसरे दिन आठ हज़ार रुपये चुकाने के बाद इंजन आयल आदि बदल कर गाड़ी वापस पहुँचा दी गई । ज़ाहिर है समस्या ज्यूँ की त्यूँ थी । मैंने अपने सुबह की सैर के साथी उमेश श्रीवास्तव जी से ज़िक्र किया तो वो बोले अरे आप तो माता मंदिर के पार मैकेनिक अमीन भाई के पास गाड़ी भेज दो , जो ख़राबी होगी सब दुरुस्त हो जाएगी । मैंने अमीन भाई के पास कार भेज दी , शाम तक फ़ोन आ गया कि स्टीयरिंग की मोटर में एक हल्का सा बेयरिंग है जो आवाज कर रहा है । मैंने कहा क्या उपाय है ? अमीन भाई बोले कुछ नहीं लड़का भेजा है हमीदिया रोड पर , कल तक गाड़ी दे देंगे । भगवान जाने कौन सा बेयरिंग था , जिसे घिस- घिसा के अमीन भाई ने फिट किया और दूसरे दिन शाम को बिना आवाज के दुरुस्त हुए स्टीयरिंग के साथ कार घर आ गई , मैंने संकोच के साथ पूछा “ अमीन भाई पैसे कितने हुए ? अमीन का जवाब सुन मुझे यक़ीन ही नहीं हुआ , वो कुल जमा सोलह सौ रुपये माँग रहे थे । मैंने तुरंत उनकी रक़म अदा की , और फिर सुरजीत हुण्डई के ज़िम्मेदार लोगों की जमकर खबर ली कि देखिए कंपनी के नाम पर आपके लोग ग्राहकों को कैसे चूना लगा रहे हैं । सुरजीत हुण्डई की ओर से उनके मैनेजर योगेश घर भी आये , कार चेक की और बोले आप गाड़ी हमारे सर्विसिंग स्टेशन भेज दें , हम चेक करना चाहेंगे कि ख़राबी कैसे दुरुस्त हुई । मैंने मुस्कुरा कर कहा उसके लिए तो अब अमीन भाई की इजाज़त लगेगी ।
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Written by XT Correspondent