लेखिका ऋतु सोढ़ी सहायक निदेशक
सूचना एवं जनसंपर्क विभाग
मुंबई।
Xpose Today News
जानवरों के व्यवहार को समझने के लिए जानवरों के मनोविज्ञान को समझना आवश्यक है। यहाँ कुछ व्यावहारिक सुझाव दिए गए हैं जो जानवरों की मनोविज्ञान पर आधारित हैं:
जानवरों के मनोविज्ञान के सुझाव
1. *शांति और स्थिरता बनाए रखें*: जब आप जानवरों के पास से गुजरते हैं, तो शांति और स्थिरता बनाए रखें। जानवरों को लगता है कि शांत व्यक्ति से कोई खतरा नहीं है।
2. *आंखों का संपर्क न करें*: जानवरों के साथ आंखों का संपर्क करने से बचें। जानवरों को लगता है कि आंखों का संपर्क खतरे की निशानी है।
3. *धीरे-धीरे चलें*: जानवरों के पास से गुजरते समय धीरे-धीरे चलें। जानवरों को लगता है कि धीरे-धीरे चलने वाला व्यक्ति खतरनाक नहीं है।
4. *जानवरों को न छेड़ें*: जानवरों को न छेड़ें और न ही उन्हें परेशान करें। बच्चों को सिखायें की जानवरों से प्रेम करें ना की उनके साथ क्रूरता से पेश आयें। अमूमन लोग डंडा लेकर चलते हैं जिससे जानवर चिढ़ते हैं । आप एक बार एक जानवर को मार सकेंगे पर झुंड में मिलने पर वो जानवर आप पर हमला कर सकते हैं। बच्चे उनकी पूंछ खींचते हैं। पटाखे लगाते हैं, ऐसे में जानवर का झुंड किसी अन्य को भी वो ही बच्चा समझ के हमला कर सकता है । जानवर सिर्फ आकृति व क़द काठी पहचानते हैं । सड़क पर वे अनेक लोगों को देखते हैं ऐसे में वो आप की स्मेल से आपको नहीं पहचान पाते हैं ।
5. *जानवरों के सामने न रुकें*: जानवरों के सामने न रुकें। जानवरों को लगता है कि रुकने वाला व्यक्ति खतरनाक हो सकता है। परंतु अगर बाइक से कोई डॉग आपको चेज़ करता है तो आप रुक जाएँ। जानवर झुंड में हो तो झुंड के लीडर को बिना डरे और डराए स्थिर बॉडी लैंग्वेज से हैंडल करें। यदि आप डरेंगे तो जानवर आपसे भयभीत होकर हमला करेगा।
6. *जानवरों को पीछे से न छुएं*: जानवरों को पीछे से न छुएं। जानवरों को लगता है कि पीछे से छूना खतरे की निशानी है।
7. *जानवरों के साथ धैर्य रखें*: जानवरों के साथ धैर्य रखें। जानवरों को लगता है कि धैर्यवान व्यक्ति खतरनाक नहीं है।
जानवरों के प्रति दया और सहानुभूति का व्यवहार करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं जिनका पालन करना चाहिए:
जानवरों के अधिकारों का सम्मान करें
1. *जानवरों के साथ दया और सहानुभूति का व्यवहार करें*: जानवरों के प्रति दया और सहानुभूति का व्यवहार करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है।
2. *जानवरों को खाना और पानी दें*: जानवरों को खाना और पानी देना हमारी जिम्मेदारी है। उन्हें भोजन और पानी की आवश्यकता होती है।
3. *जानवरों के साथ हिंसा न करें*: जानवरों के साथ हिंसा करना या उन्हें मारने की कोशिश करना अपराध है। ऐसा करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाती है ।
4. *जानवरों के लिए आश्रय और चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करें*: जानवरों के लिए आश्रय और चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करना हमारी जिम्मेदारी है।
5. *जानवरों के अधिकारों का सम्मान करें*: जानवरों के अधिकारों का सम्मान करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। उन्हें भी सम्मान और दया के साथ व्यवहार करना चाहिए।
6. *जानवरों के प्रति क्रूरता की रोकथाम के लिए कानून का पालन करें*: जानवरों के प्रति क्रूरता की रोकथाम के लिए कानून का पालन करना हमारी जिम्मेदारी है। ऐसा करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।
7. *जानवरों के लिए भोजन और पानी की व्यवस्था करें*: जानवरों के लिए भोजन और पानी की व्यवस्था करना हमारी जिम्मेदारी है।
8. *जानवरों के साथ सहानुभूति और दया का व्यवहार करें*: जानवरों के साथ सहानुभूति और दया का व्यवहार करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है।
एक बात अवश्य याद रखें कि यह धरती सबके लिए है और आप जानवरो का इलाका सीमित करेंगे तो वे आबादी की ओर आकर्षित होंगे। भूखे होंगे तो अवश्य काटेंगे। धरती पशु रहित नहीं हो सकती ना ही हर ज़िम्मेदारी को दूसरों पर डाला जाना उचित है। अपने इलाके के पशुओं को स्वयं देखें। जानवर के हमले के पीछे का मनोविज्ञान समझे बिना इस समस्या से छुटकारा पाना असंभव है।
मुंबई में हमारे इलाके में हम पशुओं की सेवा करते हैं । उनको फीड करना , नसबंदी के लिए भेजना, चोट लगने पर दवा देना । समय पर सब मदद मिलने पर हमारे इलाके के जानवर कभी नहीं काटते हैं ।
इन बातों का पालन करके, हम जानवरों के प्रति अपनी जिम्मेदारी को पूरा कर सकते हैं और उनके अधिकारों का सम्मान कर सकते हैं।