आगर-मालवा। प्रदेश की कमलनाथ सरकार भले ही सस्ती बिजली देने के लाख दावे करे लेकिन आगर-मालवा जिले के किसानों को बिजली के बिल देखकर जोरदार झटके लग रहे हैं। हजारों रुपए के बिजली बिल देख किसान हैरान हैं। वहीँ कारोबारियों के लिए भी बिजली बिल मुसीबत बन गए हैं.
दरअसल कमलनाथ सरकार ने पूर्व सरकार द्वारा शुरू की गई ‘सरल बिजली बिल‘ योजना बंद कर ‘इंदिरा गृह ज्योति योजना‘ शुरू की थी। इस योजना के तहत हितग्राहियों को 100 यूनिट प्रतिमाह खपत पर 100 रूपये का बिजली बिल देने की बात कही गई है। इसके बावजूद आगर-मालवा जिले के कई किसानों को हजारों रुपए के बिजली बिल थमा दिए गए हैं।
ऐसे ही एक किसान है उमराव सिंह, जिन्हें 46 हजार 790 रुपये का बिजली बिल मिला है। इनका पिछला बकाया 625 रुपये है। उमराव सिंह को विद्युत वितरण कंपनी द्वारा जो बिल इंदिरा गृह ज्योति योजना के तहत दिया गया है, उसमें उसकी विद्युत खपत 5175 यूनिट बताई गई है। अब उमराव सिंह अपना बिल लेकर मंडल के अधिकारियों के चक्कर लगा रहे है लेकिन उनके बिल में अब तक कोई सुधार नहीं हुआ है।
ऐसा ही एक मामला आटा चक्की के संचालक शिवगिरि के साथ भी हुआ है। डीपी जल जाने के कारण महीने के केवल 13 दिन बिजली मिली। इन 13 दिनों में शिवगिरि ने अनाज की पिसाई के बदले 3430 रुपये की कमाई की लेकिन बिजली का बिल आया 3858 रुपए। ऐसे में शिवगिरि परेशान है कि वह बिजली के बिल भरे या पेट।
क्षेत्र में रहने वाले अम्बाराम को शिवराज सरकार के समय 200 रुपए का बिजली बिल आता था। चुनाव के बाद कमलनाथ सरकार में कुछ महीने 100 रुपये का बिल मिला लेकिन अब बिजली विभाग ने उन्हें 5353 रुपए का बिजली बिल थमा दिया है। ऐसे में अब उन्हें बिजली कार्यालय के चक्कर लगाने के सिवा कोई अन्य चारा नही दिखाई दे रहा है।
वहीँ विद्युत मंडल के अधिकारी मामले से पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं। उनका कहना है कि जिनके बिल में त्रुटि हुई है उन्हें ठीक किया जाएगा लेकिन जिनका बिल सही आया है उन्हें जमा कराना होगा।