कोरबा। हसदेव अरण्य में कोल ब्लॉको का आवंटन और प्रस्तावित कोल ब्लॉकों से पेड़ों की कटाई के विरोध में अरण्य बचाओ संघर्ष समिति द्वारा अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन किया जा रहा हैं. समिति का कहना है कि एक कारपोरेट घराने के मुनाफे के लिए छत्तीसगढ़ के सबसे समृद्ध वन क्षेत्र हसदेव अरण्य का विनाश किया जा रहा हैं। जबकि वर्ष 2009 में इस सम्पूर्ण क्षेत्र में खनन पर प्रतिबंध स्वयं केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्धारा लिया गया था।
समिति ने पूर्व की रमन सरकार पर आरोप लगाया कि, ‘रमन सरकार के नेतृत्व में पिछले 15 वर्षों में छत्तीसगढ़ को कारपोरेट लूट का चारागाह बना दिया था। कंपनियों के इशारे पर जमीन अधिग्रहण, वन और पर्यावरण स्वीकृतियों को देने के लिए पांचवी अनुसूची, पैसा और वनाधिकार आदि कानूनों का खुले रूप से उल्लंघन किया गया। इसके खिलाफ पूरे प्रदेश में व्यापक जन आक्रोश रहा जिसके परिणाम स्वरूप कांग्रेस सरकार आज सत्ता में काबिज हैं।‘
यहीं नहीं समिति ने वर्तमान भूपेश बघेल सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि, ‘पिछले सरकार की जन विरोधी नीतियों और निर्णय को बदलने की बजाए वर्तमान भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार उन्हें आगे बढ़ा रही हैं। कांग्रेस पार्टी द्वारा जिस mdo( खनन के विकास और संचालन) अनुबंध का भारी विरोध किया जा रहा था आज उसे सार्वजनिक करने से बच रही हैं यहां तक कि पातुरिया गिड़मूड़ी कोल ब्लॉक भी अडानी को सौंप दिया।‘
छत्तीसगढ़ बचाओ आन्दोलन ने राज्य सरकार से गुहार लगाई है कि वह कारपोरेट की गुलामी बंद कर प्रदेश की जन भावनाओ का सम्मान करें। प्रदेश में जिन परियोजनाओं में बिना ग्रामसभा या फर्जी ग्रामसभा के जमीन अधिग्रहण किया गया हैं उनकी जांच के आदेश जारी करे, पैसा और वनाधिकार मान्यता कानून का सख्ती से पालन करवाए।