September 23, 2024

दीवाली पर नागों की लगती है पेशी

सीहोर।  एक गाँव में दीवाली पर अजीबोग़रीब जलसा भरता है। दावा किया जाता है कि यहाँ नाग खुद पेशी पर आते हैं।हजारों लोगों की मौजूदगी में सर्पदंश से पीड़ित व्यक्ति की देह में आकर सर्प खुद उसे काटने का कारण बताते हैं।

सीहोर जिले के एक गाँव में आज भी सर्पदंश से पीडि़त लोग मंदिर में आते है। यहाँ से ठीक होने के बाद दीवाली पर वे हर साल यहाँ हाजरी देने आते हैं। इसे आस्था कहें या अन्धविश्वास लेकिन यह प्रथा बीते सौ सालों से लगातार चल रही है। इसमें नागों की अदालत लगती है और पेशी पर नाग खुद पीड़ित व्यक्ति के शरीर में आकर डसने का कारण बताते हैं।

मप्र की राजधानी भोपाल के सीहोर जिले से मात्र 15 किलोमीटर दूर दीपावली के दूसरे दिन पड़वा को यह नजारा देखने को मिलता है। बड़ी संख्या में लोग इसे देखने पहुंचते हैं।गांव के राम मंदिर में दीपावली के दूसरे दिन इस बार भी साँपों की अदालत लगाई गई। इस अदालत में पिछले एक साल में जिन लोगों को सांप के काटने के कारण को जानने के लिए पूछताछ की गई। शुक्रवार को बीते साल में सर्पदंश से पीड़ित करीब साठ लोग पहुंचे थे।

हनुमानजी की मडिय़ा के सामने लगी सांपों की पेशी के दौरान हजारों लोगों की उपस्थिति में सबसे पहले कांडी के मंत्रों की धुन पर भरनी गाकर इन्हे पेशी पर बुलाया गया। इस दौरान पेशी पर पहुंचे सांपों ने शरीर में आकर काटने का कारण बताया गया। गाँव के नन्दगिरी महाराज की माने तो यहां होने वाली सांपों की पेशी हमारी तीन पीढ़ी करती आ रही है।

दीपावली के दूसरे दिन प्रदेश भर से सांप के काटने से पीडि़त लोग यहां आते है व काटने का कारण जानते हैं। कारण जानने के साथ ही दोबारा ऐसी घटना न हो, इसके लिए साँपों से वचन भी लिया जाता है।

Written by XT Correspondent