छतरपुर। बदहाल बुंदेलखंड की बदहाली किसी से छुपी नहीं है। आज़ादी के 7 दशक गुजरने के बाबजूद हालात जस के तस हैं बल्कि बद से बदतर हो चले हैं। यहां विकास तो हुआ है पर सिर्फ नेताओं और अफसरों का बाकी जनता आज भी बेहाल है।
ताज़ा मामला छतरपुर जिले के बक्सवाहा नगर के वार्ड नंबर 15 का है. जहां के निवासी लखन अहिरवार के 28 वर्षीय बेटे संजीव अहिरवार ने अपने घर में फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली। मौत के बाद परिजन शव को अस्पताल लाये जहां पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया।
परिजनों ने अस्पताल में शव वाहन की तलाश की पर वह उन्हें नहीं मिला। ऐसे में परिजनों ने शव को स्ट्रेचर समेत अपने सिर पर रखा लिया और बस स्टैंड होते हुए अपने घर ले गये।
यह नज़ारा देख लोगों की आंखें नम हो गईं. कुछ ने इसे अपने कैमरे में कैद कर लिया। साथ ही नगर में शव वाहन न होने पर लोग अस्पताल प्रबंधन, नगरीय प्रशासन पर सवाल खड़े करते नजर आए। यहां की बदहाल व्यवस्था यह है कि 121 गांव के लिए एक भी शव वाहन उपलब्ध नहीं है।
मामला चाहे जो भी हो पर इतना तो तय है कि प्रदेश में सरकार बदल गई पर हालात नहीं बदले, वही जस के तस हैं। जिससे ज़ाहिर है कि यहां नेता मस्त और जनता त्रस्त और अफ़सर भ्रष्ट हैं।