एक्सपोज़ टुडे,प्रयागराज।
सीबीआई बाघंबरी मठ की में हुई श्रीमहंत नरेन्द्र गिरि की मौत की जांच कर रही है। लोगों का कहना है अकूत सम्पदा ही श्रीमहंत नरेन्द्र गिरि की मौत की वजह बनी।
श्रीमहंत नरेन्द्र गिरि के निधन के बाद हरिद्वार से प्रयाग लाए गए शिष्य आनन्द गिरि को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
परम शक्तिशाली लेटे हनुमान जी के पुजारी आद्या तिवारी और उसके पुत्र संदीप तिवारी को भी पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है।
लेकिन मुख्य षड्यंत्र का खुलासा होना है। क्योंकि तिवारी और उनका बेटा और आनंद गिरी कई ऐसे राज जानते हैं जिनका सामने आना ज़रूरी है।
कौन है सबसे बड़ा राजदार?
ये तो जगजाहिर है कि आद्या तिवारी नरेन्द्र गिरि का सबसे बड़ा राजदार था। आद्या तिवारी का नरेन्द्र गिरि से मेलजोल तब से था जब नरेन्द्र गिरि फक्कड़ थे। बाघम्बरी गद्दी पर काबिज होने के बाद आद्या तिवारी की पौ बारह हो गयी।
नरेन्द्र गिरि की हर चाल हरेक राज आद्या तिवारी जानता था। इसी बीच आनन्द गिरि और नरेन्द्र गिरि के बीच मतभेद और मनभेद सार्वजनिक झगड़े और पुलिस फौजदारी तक पहुंच गया।
आद्या तिवारी ने अपने बड़े बेटे संदीप तिवारी को भी बड़े हनुमान जी मंदिर में अपने पास बुला लिया और अघोषित तौर पर उत्तराधिकारी बनाने की जुगत में लग गए।
सम्पत्ति की लालसा में आद्या तिवारी ने अपने पुत्र संदीप तिवारी को आनन्द गिरि के साथ चिपका दिया।
कुछ ही समय में संदीप तिवारी आनन्द गिरि का खासमखास हो गया।
अब नरेंद्र गिरी के राज आद्या तिवारी के पास और आनंद गिरि के राज संदीप तिवारी के पास हो गए। दोनों तिवारी अपने अपने राज शेयर करने लगे और अपने अपने बाबा को देते रहे।
क्योंकि नरेन्द्र गिरि की प्रत्येक गोपनीय करस्तानी आद्या तिवारी अपने पुत्र संदीप को बताता था और संदीप उस राज को आनन्द गिरि तक पहुंचाने का काम करता था।
गुरु-चेले की नब्ज पर दोंनो पिता-पुत्र की खासी पकड़ हो गई थी।
अब हालांकि तीनों पुलिस की गिरफ्त में पहुंच चुके हैं। तो बहुत से राज अब उगले जाएंगे। यानी जांच में अभी बहुत कुछ आ जाएगा।