November 29, 2024

इंसानियत का मसीहा

नरसिंहपुर। गाडरवारा में एक शख्स हर दिन क़रीब सौ घरों में घूमकर एक आदमी के लिए भोजन इकट्ठा करते हैं। इस तरह सौ लोगों का भोजन लेकर वे ऐसी जगहों पर जाते हैं जहाँ कोई पेटभर रोटी से भी वंचित है। इन्हें वे भरपेट भोजन कराते हैं। उनका लक्ष्य यही है कि उनके आसपास का कोई भी व्यक्ति किसी कारण से भूखा न सोए. नगर में बेसहारा और भूखे रहने वाले लोगों के लिए वे किसी मसीहा से कम नहीं।

स्थानीय नगर पालिका में लिपिक विशाल ठाकुर रोजाना हर घर से रोटी लेकर उनमे अचार, सब्जी मिलाकर गरीबो को देते हैं। विशाल हर दिन तकरीबन 100 घरों से रोटी लेकर उन्हें गरीबो तक पहुंचाते है। विशाल की इस मुहिम से अब अन्य लोग भी जुड़ने लगे हैं। क्षेत्रवासियों को भी विशाल के आने का इंतजार रहता हैं ताकि उनके चूल्हे से बनी रोटी किसी ज़रूरतमंद की भूंख मिटा सके.

विशाल रोजाना शासकीय जिम्मेदारी से निवृत्त होकर हाथ में थैला लिए गली-मोहल्लों में प्रत्येक घर से रोटी लेने के लिए निकल पड़ते है। शहर में कोई भी गरीब भूखे पेट न सोए, यह उनके जीवन का लक्ष्य बन गया है। वे गाडरवारा स्टेशन के पास रहते है। एक दिन वह शाम को टहलने निकले तो उन्हें कई राहगीर, यात्री और असहाय लोग भूखे पेट स्टेशन पर रात गुजारने को मजबूर दिखाई दिए. पहले कुछ दिनों तक उन्होंने अपने घर से कुछ रोटी के पैकेट बनाकर गरीबों को दिए. जब वह पर्याप्त नहीं हुए तो उन्होंने घर-घर जाकर लोगों से आग्रह करना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे दान करने वालों की संख्या भी बढ़ती गई.

अब हालात यह है कि लोग अपने जन्मदिन, पूर्वजों के श्राद्ध पर भी रोटियाँ और सब्जी आदि लेकर स्टेशन पहुंचकर उन्हें देने लगे हैं। विशाल इन्हें इकट्ठा कर उसमें अचार चटनी इत्यादि लगाकर पैकेट बनाते है और उन्हें ज़रूरतमंदों के पास जाकर बड़ी ही आत्मीयता से देते है। यहीं नहीं विशाल ठंड के दिनों में ज़रूरतमंद तक खुद के खर्चे पर चादर भी उपलब्ध कराते हैं।

Written by XT Correspondent