एक्सपोज़ टुडे, उज्जैन।
उज्जैन की हवाई पट्टी की जगह एयरपोर्ट बनाने के लिए
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मुख्यमंत्री चौहान को पत्र लिखकर उज्जैन एयरपोर्ट विस्तार के लिए 200 करोड़ रुपए खर्च करने को कहा है। इस संबंध में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने सर्वे भी कर लिया है।
उज्जैन में पहले चरण में एटीआर-72 यानी 72 सीटर विमान चलाया जाएगा। इसके लिए 252 एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी। इसके बाद यहां एयरबस भी चलाई जाएगी। यह उज्जैन एयरपोर्ट के लिए तैयार मास्टर प्लान के फेज-2 की योजना है। इसके लिए एयरपोर्ट को 207 एकड़ अतिरिक्त जमीन की आवश्यकता होगी। सिंधिया ने पहले फेज के लिए मुख्यमंत्री से जमीन उपलब्ध कराने के साथ 200 करोड़ रुपए की मांग की है।
अभी है 95 एकड़ ज़मीन
अभी ये है हवाई पट्टी की स्थिति
उज्जैन देवास रोड पर दताना-मताना हवाई पट्टी बनी है। यहां अभी छोटे विमान और हेलिकॉप्टर लैंड कर पाते हैं। हवाई पट्टी की 95 एकड़ जमीन उपलब्ध है। यहां का रनवे कोड-ए यानी प्रशिक्षण विमान संचालन के लिए तो उपयुक्त है, लेकिन फ्लाइट की लैंडिंग नहीं हो सकती।
रिलीजस टूरिज़्म को मिलेगा बढावा
उज्जैन के सबसे नजदीक इंदौर एयरपोर्ट 42 एयरमाइल दूर है। जबकि सड़क से यह दूरी 56 किमी है। इसलिए यहां एयरपोर्ट विकास की संभावनाएं हैं। उज्जैन पर्यटन दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान रखता है। राज्य सरकार 700 करोड़ रुपए खर्च कर महाकाल परियोजना को विस्तार दे रही है। 2028 में यहां सिंहस्थ का आयोजन होना है। उसमें देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु सीधे उज्जैन में उतर सकेंगे। उज्जैन में जल्द ही उद्योग बढ़ेंगे उनके लिए भी एयरपोर्ट जरूरी है। इससे देवास इंडस्ट्रीयल एरिया को भी मदद मिलेगी दूसरी ओर इंदौर एयरपोर्ट पर अभी 52 उड़ानों का संचालन हो रहा है। 31 अक्टूबर से जारी होने वाले नए विंटर शेड्यूल में उड़ानों की संख्या बढ़कर 88 हो जाएगी। यहां एयर ट्रैफिक लगातार बढ़ रहा है, इसलिए भी उज्जैन में एयरपोर्ट जरूरी है।