एक्सपोज़ टुडे, उज्जैन।
उज्जैन पुलिस ने फ़र्ज़ी केन्द्रीय सतर्कता आयोग के सदस्य को गिरफ़्तार किया है। यह फ़र्ज़ी अफ़सर एडिजी उज्जैन से मिलने उनके दफ़्तर पहुँचा तभी थाना माधव नगर की टीम ने आरोपी को घरदबोचा।
अति. पुलिस महानिदेशक उज्जैन ,जोन उज्जैन योगेश देशमुख के ऑफिस में एक व्यक्ति पहुँचा अपने आप को केन्द्रीय सर्तकता आयोग का सदस्य बता कर और ए.डी.जी. से मिलने का प्रयास करने लगा । बोलचाल एवं प्रस्तुतीकरण के तरीक़े पर संदिग्ध नज़र आने पर
थाना प्रभारी माधवनगर मनीष लोधा तस्दीक हेतु अपनी टीम के साथ कार्यालय पहुंचकर आरोपी को कस्टडी में लेकर पूछताछ की तो खुलासा हुआ यह व्यक्ति प्रमोद कुमार मेहता पिता स्व. श्री विद्यानंद जी मेहता, उम्र-65 वर्ष बी-09 ऋषिनगर मेनरोड़ उज्जैन का रहने वाले हैं । मेहता ने खुद को केन्द्रीय सर्तकता आयोग का सदस्य बताया प्रथम् दृष्टया संदिग्ध होने पर विस्तार से नाम पता , कार्यालय की जानकारी प्राप्त करने पर यह सनसनी खेज खुलास हुआ कि उक्त प्रमोद मेहता नाम के व्यक्ति अभी हाल ही में रिटायरड् होकर थाना माधवनगर क्षेत्र में ऋषिनगर में निवास करते हैं तथा खुद को केन्द्रीय सदस्यता आयोग का सदस्य एवं पी एम ओ का सलाहकार बताया गया । जो प्रारंभिक जांच में पूरी तरह से असत्य पाया गया । आरोपी द्वारा यह भी बताया गया कि वह उज्जैन दौरे पर आया है एवं दौरे के दौरान उसे वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात हेतु प्रमोद मेहता के द्वारा अपने फोन के मेल से समय लेना पाया गया । पुलिस द्वारा उक्त व्यक्ति से केन्द्रीय सर्तकता आयोग के सदस्य होने का परिचय पत्र मांगा तो कोई परिचय पत्र नहीं होना बताया एवं हिकमत अमली से पूछताछ करने पर बताया कि मैं केन्द्रीय सर्तकता आयोग का सदस्य नहीं हुँ मैंने अपने पदनाम की गलत जानकारी दी है मैं अधिकारियों से मेल-जोल बढाने एवं अपने निजी काम आसानी से करवाने के लिये मैंने यह झूठी जानकारी दी है। संदेही प्रमोद मेहता के मोबाइल को चैक करने पर प्रमोद मेहता के द्वारा मोबाइल एवं ईमेल आई. डी. prmd.mht@gmail.com से दिनांक 15.06.21 को कमिश्नर उज्जैन एवं दिनांक 16.06.21 केा आई.जी. उज्जैन को ईमेल कर अपना पदनाम सी.वी.सी. का सदस्य होना लेख किया । आरोपी प्रमोद मेहता के विरुद्ध प्रथम् दृष्टया केन्द्रीय सतर्कता आयोग का सदस्य एवं पीएमओ का सलाहकार के पद का प्रतिरुपण करने पर धारा 170, 419, 511 भादवि का अपराध पंजीबध्द कर विवेचना लिया गया।
उल्लेखनीय तथ्य यह भी पाया गया की कमिश्नर कार्यालय एवं आई जी कार्यालय को किए गए ई मेल की प्रतिलिपि ,PMO, NSA, Cabinet Secretary Govt of India, को भी प्रेषित करना लेख किया ताकि किसी प्रकार का संदेह न हो ।
पुलिस की सतर्कता से एसे धोखेबाज आरोपी को हिरासत में लेकर विस्तार से पूछताछ कर कानूनी कार्यवाही करने में निरी. मनीष लोधा , उनि महेन्द्र मकाश्रे एवं आर. 215 धर्मेंन्द्र की भूमिका महत्वपूर्ण रही ।