होशंगाबाद। मद्य निषेध कार्यक्रम में एएसपी साहब को शराब पीने से होने वाले दुष्परिणामों के बारे में बोलना था। लेकिन एएसपी साहब ने उल्टा शराब कब, कहां और कैसे पीना हैं इसके टिप्स दे दिए। एएसपी ने मंच से कहा कि शराब 18 साल के बाद पीना चाहिए। खाने की थाली लेकर बैठकर टीवी चालू कर आधे घंटे में पैक लगाकर सो जाओं।
“शराब यदि वाकई में खराब होती तो सरकार उसे बनाती क्यों? और बेचती क्यों?” यह विचार है होशंगाबाद एएसपी घनश्याम मालवीय के। दरअसल आदमगढ़ में पुलिस द्वारा मद्य निषेध शिविर का आयोजन किया गया था। लोगों को नशे की गिरफ्त से निकलने और उसके दुष्परिणामों की जानकारी देने के लिए एएसपी को बुलाया गया।
शुरुआत में एएसपी मौजूद लोगों को शराब छुड़ाने की जानकारी दे रहे थे। तभी एएसपी साहब बहक गए और शराब पीने के टिप्स दे डाले। साहब ने एक-एक कर बच्चे, बुजुर्ग और महिलाओं से पूछा कि वह शराब पीते हैं या नहीं। साहब ने बच्चों से शुरुआत की और बोले यदि शराब पीना है तो 18 साल की उम्र के बाद पीना चाहिए। इसके बाद बुजुर्गों से कहा कि खुद ने पेट भरकर पी ली और अब कह रहे हैं, नहीं पीना चाहिए। सरकार शराब को जहर तो मानती है लेकिन यह देश में बन रही है। इसका मतलब है कोई तो पिएगा या उपयोग करेगा। इस जहर का उपयोग कैसे करना है, यह हम बताएंगे।
एएसपी ने माइक थामते हुए सवाल-जवाब का दौर शुरू किया। पूछा कि अमीर शराब पीने के बाद भी बदनाम नहीं होता लेकिन गरीब हो जाता है। क्योंकि अमीर घर के अंदर पीते हैं और गरीब सड़क पर। इसलिए शराब पीने की आदत है तो घर के अंदर खाना खाते वक्त पीना चाहिए। पीकर बाहर नहीं जाना चाहिए। इससे दुर्घटना भी नहीं होगी। घर में छिपकर पीने से महिलाओं और बच्चों पर भी प्रभाव नहीं पड़ेगा। पूरी बोतल नहीं बल्कि कम पीना चाहिए।
वही महिलाओं से संवाद के दौरान एएसपी ने कहा कि आप गले में सोना पहने या न पहने, अच्छी साड़ी पहने या न पहने, मगर चेहरा और दांत सुंदर दिखना चाहिए। पाउच हानिकारक है, इसलिए नहीं छोड़ना है बल्कि इसलिए छोड़ना कि दांत सुंदर दिखें।
यह नजारा देख वहां मौजूद लोग अवाक रह गए, लेकिन कोई कुछ बोल नहीं पाया। दबी जुबान में जरूर लोगों ने कहा कि मघ निषेध शिविर है या मघपान के तरीके बताने वाला।