एक्सपोज़ टुडे।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से रविवार को जमात उल मुजाहिदीन (जीएमबी) के गिरफ्तार किए गए हार्डकोर चार आतंकियों को एटीएस ने कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने चारों आतंकियों को 14 दिन की रिमांड पर एटीएस को सौंपा है। वहीं विदिशा से भी एक संदिग्ध को उठाया है। एटीएस यह भी जानकारी जुटा रही है कि मध्य प्रदेश के किन-किन शहरों में इनके लोग मौजूद हैं। अन्य राज्यों की पुलिस से इन आतंकियों की जानकारी साझा कर सुराग एकत्र किए जा रहे हैं।
लेपटॉप से हुआ बड़ी फंडिंग का खुलासा।
जेएमबी द्वारा अपनी विचारधारा से युवाओं को जोड़ने के लिए इन चारों बांग्लादेशियों को भेजा गया था लेकिन उनके साथ आने के लिए अब तक कोई आगे नहीं आया। इस बात से यह चारों आतंकी परेशान थे। आतंकियों से जब्त किए गए लैपटाप और टैबलेट से यह साफ हो रहा है कि उन्हें बड़ी फंडिंग की जाती रही है, जो पूछताछ का अहम हिस्सा है।
यूपी के सहारनपुर में बना भड़काऊ साहित्य भोपाल में बंटा।
आतंकियों द्वारा फर्जी दस्तावेज उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से बनाए जाने की जानकारी पूछताछ में प्राप्त हुई है। अब इस जानकारी के आधार पर उन लोगों की जानकारी जुटाई जा रही है जिनके माध्यम से यह फर्जी दस्तावेज तैयार करवाए गए हैं। उन्होंने बताया कि आतंकियों से बरामद किया गया जिहादी साहित्य भोपाल के निशातपुरा क्षेत्र में भी बांटा गया है। रिमांड के दौरान उनसे यह जानकारी भी हासिल की जाएगी कि वह निशातपुरा के अलावा भोपाल के किन-किन इलाकों में सक्रिय रहे हैं और उनसे कौन-कौन लोग जुड़े हैं।
मकान दिलवाने वाले मैकेनिक से भी हो रही पूछताछ
ऐशबाग में मकान दिलवाने वाले मैकेनिक सलमान से भी एटीएस द्वारा पूछताछ की जा रही है। बताया जाता है कि एटीएस को सलमान के भी जेएमबी की गतिविधियों में मदद करने का अंदेशा है। उससे यह जानकारी ली जा रही है कि वह दोनों आतंकियों के संपर्क में कहां और कैसे आया। सूत्रों के मुताबिक भोपाल में स्लीपर सेल तैयार करने में जुटे चारों आतंकियों ने भीड़भाड़ वाला इलाका और घनी बस्ती सिर्फ इसलिए चुनी थी, ताकि उन पर कोई शक न करे।
अभियोजक एटीएस नितेंद्र शर्मा ने बताया कि गिरफ्तारी के दौरान जप्त किए गए फर्जी दस्तावेजों और अन्य दस्तावेजों के अलावा आतंकियों की नेटवर्किंग को लेकर पूछताछ की जानी है इसलिए यह रिमांड ली गई है।