बड़वानी। सरदार सरोवर बांध के बैक वाटर के कारण एक तरफ हजारों परिवारों को पलायन करना पड़ रहा है। वहीँ दूसरी तरफ केले की खेती करने वाले किसानों के लिए भी यह बड़ी मुसीबत बन गया है। जो केला पहले कभी ईरान जाता था, वह आज मंडी तक भी नहीं पहुँच पा रहा है। इस कारण किसानों को लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है।
मामला बड़वानी जिले के ग्राम शेगाव का है। यहाँ अधिकांश किसान मुख्य रूप से केले की खेती करते हैं। अच्छी क्वालिटी के कारण यहाँ का केला देश ही नहीं बल्कि विदेशो में भी निर्यात किया जाता है। सऊदी अरब, ईरान जैसे देशों में यहाँ के केलों की अच्छी खासी डिमांड है। भारत के मुकाबले इन देशों में किसानों को प्रति क्विंटल 500 रुपए ज्यादा मिलते हैं।
इस बार सरदार सरोवर बांध के बैक वाटर के चलते कई गाँव टापू बन चुके है। किसानों के खेत डूब से बाहर बताए गए हैं, लेकिन खेतों पर जाने के लिए कोई रास्ता नहीं है। किसान नाव के सहारे खेतो तक तो पहुँच जाते हैं लेकिन केलों को खेतों से बाहर निकालना बड़ी समस्या है। नाव के जरिए केलों को खेतों से बाहर लाने में खर्च अधिक होता है। इसके अलावा खेतों तक पानी पहुँचने के कारण उनकी गुणवत्ता में भी कमी आई है। किसानों का कहना है कि 500 से 600 रुपये प्रति क्विंटल में भी कोई केला खरीदने के लिए अब तैयार नहीं है। हमें लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है। किसान जिला प्रशासन की बेरुखी से भी नाराज है।