November 25, 2024

पर्यावरण मित्र बनें,पेड़ लगाएँ,पर्यावरण बचाएं।

लेखक हेम जोशी रिटायर्ड अधिकारी हैं  पूर्व मंत्री के विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी रहे हैं। डेवलपमेंट जर्नलिज़्म से जुड़े  पत्रकार हैं  और मानव सेवा केंद्र संस्थान और मीडिया समूह के चेयरमेन  है।
एक्सपोज़ टुडे। 
इंदौर स्वच्छता में नंबर वन आकर लगातार देश दुनिया में परचम लहरा रहा है। अब हमें पर्यावरण को लेकर भी इस तरह के अभियान की ज़रूरत है।इंदौर को हरियाली में भी नंबर वन लाना है।  स्वच्छ इंदौर के साथ ग्रीन इंदौरकी तरफ़ भी बढ़ना होगा। प्रकृति हमेशा अपने पास से हमें कुछ न कुछ देती है लेकिन इसे सहेजने के लिए सभी को बढ़ना होगा।
हर काम के लिए सरकार या प्रशासन पर निर्भरता नहीं होना चाहिए। जापान में कम जगह में सघन हरियाली करने के लिए मियावाकी पद्धति अपनाई गई जो सफल रही। इसका मतलब यह है की कम जगह में भी ज़्यादा हरियाली संभव है।
प्रचंड गर्मी में हरियाली की तलाश में पक्षियों समेत इंसान भी है। यह समय हरियाली के महत्व को समझने के लिए उपयुक्त है।
हर व्यक्ति को कम से कम 5 पौधे लगाना चाहिए। इन्हें लगाने के बाद इनके रख रखाव का भी ज़िम्मा लेना होगा। हर परिवार इस तरह की ज़िम्मेदारी ले तो जल्द ही हरियाली फैल जाएगी।
हरित परिवार बनाने होंगे। हरियाली को अगर आध्यात्मिकता से जोड़ा जाए तो भी यह फ़ायदेमंद है 12 राशियों के पौधे हैं। अपनी राशि का पौधा लगाएँ और उसकी सेवा करें। पुराने समय में कहा जाता था नीम, तुलसी, आम, पीपल, बड का झाड़ घर में या घर के आसपास होना चाहिए।
मास्टर प्लान के अनुसार 21फ़ीसदीहरियाली होना चाहिए लेकिन यह 13फ़ीसदीथी और अब घट कर 7 फ़ीसदी रह गई है। वर्तमान में इंदौर शहर का मास्टर प्लान505  वर्ग किलो मीटर का है । इसमें 42 लाख जनसंख्या के मान से 21 प्रतिशत हरित क्षेत्र होना चाहिए। नगर निगम के अफ़सरों के मुताबिक़ शहर में 1056 बगीचे हैं इसमें से क़रीब 5 सौ बगीचों को निगम द्वारा व्यवस्थित किया गया है।
यहाँ भी लगे पौधे।
पिछले पांच वर्षों में सिरपुर में बफर जोन बनाकर 12 हजार पौधे लगाए गए हैं। पितृ पर्वत पर 16 वर्षों में लोगों ने पितरों की स्मृति में 65 हजार पौधे रोपे हैं। निगम ने चार साल में 60 हजार पौधे लगाए हैं। ट्रेंचिंग ग्राउंड और बिलावली तालाब की पाल पर पौधे लगाए गए हैं। शहर में हरित क्षेत्र उपलब्ध नहीं है। इस वजह से मास्टर प्लान में हरियाली के तय आंकड़े को हम छू नहीं पाए हैं। हरित क्षेत्र बढ़ाने के लिए जमीन खोजनी पड़ेगी। निगम की नर्सरी में करीब तीन लाख पौधे हैं, जिसमें डेढ़ लाख पौधे लगा सकते हैं। इसके लिए जगह उपलब्ध होनी चाहिए।
जनवरी से दिसंबर 2021 तक इंदौर में 32 स्थानों पर 200 पेड़ काटे गए। इसके अलावा 44 स्थानों के पेड़ गिरे। इस तरह एक साल में करीब 275 पेड़ों को नुकसान हुआ है। खंडवा रोड चौड़ीकरण के लिए भी 400 और कैट रोड चौड़ीकरण के लिए 200 पेड़ों को काटने की तैयारी है।
Written by XT Correspondent