एक्सपोज़ टुडे।
एमपी स्टेट साइबर सेल ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मध्य प्रदेश स्टेट साइबर सेल ने एक ऐसे शातिर बदमाश को पकड़ा है जिसने क़रीब 15, हज़ार वोटर ID कार्ड पैन कार्ड और आधार कार्ड बना दिए हैं। दरअसल राज्य निर्वाचन आयोग को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा एक पत्र जारी किया गया था इस पत्र में लिखा था की कोई अज्ञात व्यक्ति द्वारा लगातार आधार कार्ड पैन कार्ड वोटर ID कार्ड बनाए जा रहे हैं।
इसके बाद देश भर की साइबर एक्टिव हुई और आरोपी की सरगर्मी से तलाश कर रही थी। प्रदेश स्टेट साइबर सेल को सूचना मिली और उन्होंने सूचना की तस्दीक़ करते हुए आरोपी की तलाश शुरू की।
साइबर सेल के मुताबिक़ मुख्य आरोपी रंजन सिंह बिहार के पूर्वी चंपारण का रहने वाला है। आरोपी बारवी फ़ेल है
अमेरिका से उसने एक सर्वर हायर किया इस सर्वर के माध्यम से वेबसाइट बनायी यही से उसने यह काम शुरू किया।
आरोपी की तलाश के दौरान स्टेट साइबर सेल को कई सनसनीखेज़ जानकारियां सामने आयी । आरोपी रंजन को पकड़ने के लिए पुलिस को ओपन सोर्स इंटेलिजेंस टूल्स(ओसिंट) का इस्तेमाल करना पड़ा।
आरोपी के द्वारा बनाई गई फ़र्ज़ी वेब साइट से कोई भी व्यक्ति महज़ 20 रूपए में वोटर आईडी कार्ड, पैन कार्ड, आधार कार्ड बना सकता था। यह रूपया आरोपी के बैंक एकाउंट में जाता था। फिर कार्ड जारी होते ही व्यक्ति इन फ़र्ज़ी दस्तावेज़ों को ओरिजनल दस्तावेज़ों की तरह उपयोग करता था।
ऐसे बनाता है कार्ड
स्टेट सायबर सेल के मुताबिक़ आरोपी ने फ़र्ज़ी वेब साइट बनाना यूट्यूब के माध्यम से सीखा। फिर ऑन लाइन सोर्स कोड ख़रीदना तथा फिर उसमें परिवर्तन कर पैसा फ़र्ज़ी एकाउंट में डालना सीखा। इसके बाद उत्तर प्रदेश से मोबाइल का फ़र्ज़ी सिम कार्ड ख़रीदा। इससे पेटीएम और एसबीआई के फ़र्ज़ी एकाउंट खोले। फिर डार्क वेब से फ़र्ज़ी क्रेडिट कार्ड भी बनवा लिया। इन डायरेक्ट क्लाउड होस्टिंग के ज़रिए अमेरिकन सर्वर लिए। वेब साइट बनने के बाद कोई भी व्यक्ति जब फ़र्ज़ी कार्ड बनवाने आएगा तो उसे क्यू आर कोड स्कैन करना होगा।
स्टेट सायबर पुलिस ने रंजन को क्राइम नंबर 42/2024 धारा 419,420,467,468 भादवी, 66 सी, 66 डी आईटी एक्ट में गिरफ़्तार कर बैंक पास बुक, क्यू आर कोड, पेटीएम, सोर्स कोड, एटीएम कार्ड ज़ब्त किए हैं।