छवि गौड़। एक होते है जो (मैं) से ऊपर नहीं उठ पाते , दूसरे अपने परिवार तक सिमित होते है ,माने मेरे बच्चे मेरा खानदान आदि तीसरे सामाजिक होते है, जिस समूह में उनकी रूचि होती है , वे अपना योगदान देते रहतें है , कुछ लोग समूह से उठकर राष्ट्र तक...
छवि गौड़। एक होते है जो (मैं) से ऊपर नहीं उठ पाते , दूसरे अपने परिवार तक सिमित होते है ,माने मेरे बच्चे मेरा खानदान आदि तीसरे सामाजिक होते है, जिस समूह में उनकी रूचि होती है , वे अपना योगदान देते रहतें है , कुछ लोग समूह से उठकर राष्ट्र तक...