छतरपुर। मध्यप्रदेश के छतरपुर में बयान लेने अस्पताल पहुंचे प्रधान आरक्षक ने महिला को खून देकर उसकी जान बचाई। महिला को गोली लगने के बाद जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पुलिस आरक्षक इसी मामले में महिला का बयान लेने और मामले की जाँच करने के लिए अस्पताल पहुंचा था। इस दौरान जब उसे पता चला कि महिला को खून की जरुरत हैं तो पुलिस आरक्षक ने महिला को खून देकर उसकी जान बचाई।
दरअसल विश्वपर्यटन स्थल खजुराहो में नगर परिषद सीएमओ जाबिर खान की पत्नी तृप्ति को नगर परिषद में ही कार्यरत कर्मचारी ने घर में घुसकर गोली मार दी थी। गोली महिला के सीने और हाथ में जाकर लगी थी, जिसके बाद महिला को गंभीर हालत में जिला अस्पताल लाया गया। इस दौरान महिला का काफी खून निकल चुका था और तत्काल ब्लड की आवश्यकता थी।
इस बीच मामले की जाँच करने और महिला का बयान लेने के लिए पुलिस अधिकारी के साथ ही प्रधान आरक्षक अब्दुल समीर भी अस्पताल पहुंचा था। अब्दुल को जब पता चला कि महिला को खून की आवश्यकता है तो उसने तत्काल अपना खून महिला को देकर उसकी जान बचाई।
प्रधान आरक्षक अब्दुल समीर की मानें तो वह अपनी ड्यूटी और बेहतर पुलिसिंग कर रहा था और यह हमारा मानव धर्म भी है। मुझे गर्व है कि मैंने ड्यूटी करते हुए यह सब किया और अब उसकी जान बच गई यही अच्छा है। खून तो दोबारा बन जायेगा पर जान चली जाती तो दोबारा नहीं आती। मामले पर ज़ाब हमने पुलिस अधीक्षक से बात की तो उन्होने इसे बेहतरीन पुलिसिंग बताया और आरक्षक की तारीफ करते हुए उसे पुरष्कृत करने की बात कही।