एक्सपोज़ टुडे,इंदौर।
इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने काम में लापरवाही व अनियमिताओं को लेकर सख्त रवैया अपनाया है। इसके चलते खाद्य सुरक्षा अधिकारी मनीष स्वामी और ड्रग इंस्पेक्टर राजेश जिनवाल से फील्ड काम छीन लिया है वही मातृवन्दना योजना में लापरवाही पर 9 अन्य के खिलाफ भी कार्रवाई की है।
इंदौर में गत दिनों सड़े हुए आलू से चिप्स बनाने की घटना प्रकाश में आने पर जिला प्रशासन ने फ़ैक्ट्री रिमूवल की ठोस कार्यवाही की है। वहीं जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वाले ऐसे विषयों की अनदेखी और सही मॉनिटरिंग नहीं होने पर कलेक्टर ने खाद्य सुरक्षा विभाग के प्रति भी नाराज़गी जतायी है।
कलेक्टर ने आज बड़ी कार्यवाही करते हुए फ़ुड सेफ़्टी आफिसर मनीष स्वामी और ड्रग इंस्पेक्टर राजेश जिनवाल को अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी के कार्यालय में अटेच कर दिया है। इन दोनों अधिकारियों के संबंध में कलेक्टर को निरंतर शिकायतें प्राप्त हो रही थी।
कि वे इंदौर ज़िले में आलू चिप्स बनाने वाली सभी इकाइयों के लिए एक प्रशिक्षण सत्र भी आयोजित करें
इसी तरह कलेक्टर सिंह ने महिला एवं बाल विकास विभाग के छ: पर्यवेक्षक और तीन परियोजना अधिकारियों पर बड़ी कार्यवाही की है। प्रधानमंत्री मातृवन्दना योजना में लापरवाही एवं लक्ष्य के विरूद्ध कार्य नहीं करने तथा लंबित प्रकरणों का निराकरण नहीं करने पर कलेक्टर द्वारा छ: पर्यवेक्षक की दो वेतन वृद्धि रोकी गई है वहीं तीन परियोजना अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
परियोजना अधिकारियों से तीन दिवस में जवाब माँगा गया है। कलेक्टर ने साफ़ कहा है कि यदि जवाब संतोषजनक नहीं हुआ तो दोषियों के विरुद्ध निलंबन की कार्यवाही की जाएगी।
कलेक्टर ने परियोजना अधिकारी इंदौर ग्रामीण एक नितिन चौरसिया, परियोजना अधिकारी इंदौर शहरी सात मिनाक्षी हरवंश एवं परियोजना अधिकारी इंदौर शहरी तीन रवि शर्मा को कारण बताओ नोटिस जारी कर तीन दिवस में जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिये हैं।
इसी तरह पर्यवेक्षक इंदौर शहरी सात पूनम बघेल, पर्यवेक्षक इंदौर शहरी तीन माया कण्डवाल, पर्यवेक्षक इंदौर शहरी सात अनीता संभूरी, पर्यवेक्षक इंदौर शहरी छ: हर्षा जेठवा, पर्यवेक्षक इंदौर ग्रामीण एक वर्षा बघेल और पर्यवेक्षक इंदौर शहरी एक दीपमाला बामने की दो वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी गई है।