एक्सपोज़ टुडे, इंदौर।
कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी मनीष सिंह ने कहा है कि इंदौर जिले में कोरोना संक्रमण की स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है । पॉजिटिविटी रेट भी कम हो रहा है। रिकवरी रेट बेहतर हो रहा है । अभी वर्तमान में जो सख्ती की गई है वह स्थिति को और अधिक बेहतर बनाने के लिए की गई है। यह सख्ती कोरोना संक्रमण पर फाइनल स्ट्रोक है। उम्मीद है कि इससे स्थिति में और अधिक सुधार होगा और एक जून के बाद धीरे-धीरे आर्थिक गतिविधियों को प्रारंभ किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि अभी सख्ती जरूरी है। लोग कोविड नियम का पालन करें। राज्य शासन की मंशा है कि एक जून से आर्थिक गतिविधियों को शुरू किया जाय। अभी पॉजिटिविटी रेट 9 प्रतिशत पर आ गई है। गत अप्रैल में तो यह 22 प्रतिशत तक पहुंच गई थी। अभी जो केस सामने आ रहे हैं, वे अलाक्षणिक ज्यादा हैं। उम्मीद है कि पॉजिटिविटी रेट अभी और तेजी से कम होगा।
कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने यह जानकारी आज यहां रेसिडेंसी सभाकक्ष में ली गई बैठक में दी। इस अवसर पर जिले के सभी एसडीएम, तहसीलदार, जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, मुख्य नगर पालिका अधिकारी तथा अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे । बैठक में जनता कर्फ्यू के दौरान की जाने वाली व्यवस्थाओं के संबंध में चर्चा की गई। साथ ही कोरोना नियंत्रण के लिए कंटेनमेंट जोन के संबंध में भी चर्चा हुई। बैठक में कोरोना की ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों की स्थिति की समीक्षा की गई। कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने निर्देश दिये कि जहां संक्रमण दर ज्यादा है, केस जहां ज्यादा आ रहे हैं वहां कंटेनमेंट जोन बनाया जाए। कंटेनमेंट एरिया बनाकर सख्ती करें, स्क्रीनिंग करेंगे तो 31 मई तक इन क्षेत्रों में सुधार आएगा। कंटेनमेंट एरिया में प्रोटोकॉल के कारण लोग जागरुक होते हैं।
बैठक में कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने बताया कि किराना दुकानों को कुछ दिनों के लिये ही बंद किया गया है। इसके बाद ये एक जून से खुलेंगी। शुरुआत में हो कि पहले तरह की व्यवस्था रहे। इसके साथ कंस्ट्रक्शन को खोलने पर विचार चल रहा है। थोक के व्यापार को ढील देने की कोशिश रहेगी। रेस्टोरेंट में टेक अवे की सुविधा शुरू की जा सकती है। पहली स्टेज में थोक को ओपन करेंगे। इसके बाद खेरची दुकानों को खोला जायेगा। इसके अलावा जहां केस ज्यादा आएंगे, वहां सख्ती कर कंटेनमेंट जोन बनाया जायेगा।
उन्होंने बताया कि 31 मई के बाद जिन क्षेत्रों में संक्रमण मिलेगा, उन्हें कंटेनमेंट एरिया के रूप में चिन्हित कर कार्रवाई की जायेगी। शहर में अभी तक 560 माइक्रो कंटेनमेंट एरिया बनाये जा चुके हैं। गांवों में भी कन्टेनमेंट एरिया बनाये गये है।