September 23, 2024

100करोड़ की ड्रग्स सप्लाई करने वाली कूरियर गर्ल ने किए बड़े खुलासे।

एक्सपोज़ टुडे। 
इंदौर नारकोटिकस कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी)ने इटारसी से 100 करोड़ रुपए की हेरोइन के साथ पकड़ाई मिजोरम की लड़कियों से पूछताछ की। इसमें कई चौंकाने सनसनीख़ेज़ खुलासे  लड़कियों किए हैं। लड़कियों ने पूछताछ में जिम्बाब्वे के रास्ते ड्रग्स लाने की बात कबूल किया है।लड़कियों ने तस्करी के पूरे नेटवर्क और उसके ऑपरेशंस को लेकर कई अहम जानकारियां दी हैं। इन लड़कियों को इंदौर नारकोटिक्स टीम ने गुरुवार को गिरफ्तार किया है।
ड्रग सप्लाई से पहले 15 दिन विदेश यात्रा 
लड़कियों ने बताया उनका इस्तेमाल कूरियर गर्ल के तौर पर किया जाता है। इससे पहले ट्रेनिंग दी जाती है करोड़ों रूपए की ड्रग्स पहुँचाने जाने से पहले इन्हें 15 दिनों के लिए विदेश भी घूमने भेजा जाता है। पकड़ी गई लड़कियों की एजुकेशन महज़ 8वी क्लास है और वे गरीब परिवार से ताल्लुक़ रखती है।
NCB द्वारा बताया कि 15 दिन पहले मिजोरम में रहने वाली तीनों लड़कियों लालम जोनी, लाल वेंनहिनी और रामसंग दुई बेंगलुरु से जिम्बाब्वे पहुंची थीं। गिरोह के एजेंट ने उनके लिए एक होटल में कमरे बुक कराए थे। 15 दिन घूमने के बाद जब लड़कियां वापस भारत लौट रही थीं, तब उन्हें तीन सूटकेस दिए गए। तीनों सूटकेस में 7-7 किलो हेरोइन रखी हुई थी।
पुलिस चैकिंग के डर के कारण उतरी और घरा गई।
तीनों कूरियर गर्ल फ्लाइट से दुबई होते हुए बेंगलुरु पहुंचीं। यहां से तीनों को दिल्ली जाना था। तीनों राजधानी एक्सप्रेस से बेंगलुरु से दिल्ली के लिए निकली। लेकिन रास्ते में भोपाल में हो रही चैकिंग की सूचना मिलने पर वो इटारसी उतर गईं।
मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर पुलिस ने इटारसी रेलवे स्टेशन के पास एक होटल में छापा मारकर तीनों लड़कियों को गिरफ्तार कर लिया। साथ ही उनके 3 सूटकेसों से करीब 21 किलो एमडी और हेरोइन जब्त की। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत 168 करोड़ रुपए बताई जा रही है।
ड्रग्स पैडलर आर्थिक रूप से कमजोर लड़कियों को रखते हैं
ड्रग्स माफिया मिजोरम और आसाम के अलावा बांग्लादेश में आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की तलाश करते हैं। फिर परिवार की लड़कियों को रोजगार देने के बहाने हायर किया जाता है। इसके एवज में परिवार को हर महीने पांच से दस हजार रुपए दिए जाते हैं।
लड़कियों को कूरियर की तरह किया जाता है इस्तेमाल
पूछताछ में खुलासा हुआ लड़कियों का पासपोर्ट बनवाकर उन्हें दो से तीन बार उन देशों में भेजा जाता है, जहां से ड्रग्स लाना होती हैं। ताकि वे वहां के माहौल से अनुकूल हो सकें। इससे कूरियर गर्ल्स इन पिकअप कंट्रीज में इमिग्रेशन और लोकल कनेक्ट को लेकर पूरी तरह से ट्रेंड हो जाती हैं। उन्हें विदेश में जाकर किससे मिलना है। वहां कौन-कौन गिरोह के एजेंट हैं इसके बारे में बताया जाता है। इसके बाद ड्रग्स की खेप लाने के लिए लड़कियों का कूरियर की तरह इस्तेमाल किया जाता है।
2 लाख रूपए मिलते हैं ड्रग सप्लाई के
NCB की पूछताछ में लड़कियों ने बताया कि उन्हें एक खेप लाने के बदले 2 लाख रुपए मिलते हैं। किसी भी ट्रिप पर जाने से पहले उन्हें कुछ रुपए भी दिए जाते थे। यह रुपए इस बात की गारंटी होते थे, कि यदि कोई भी युवती इस मामले में पकड़ी जाती है, तो परिवार किसी भी तरह से गिरोह के अन्य व्यक्तियों की जानकारी पुलिस को न दे।
Written by XT Correspondent