एक्सपोज़ टुडे।
ग्वालियर क्राईम ब्रांच ने ऐसे ठगोरों को धरदबोचा है जो मोबाइल की स्क्रीन शेयर कर लाखों रूपये उड़ा देते थे। एडिशनल एसपी क्राइम राजेश डण्डोतिया ने बताया
अवधेश भदौरिया नाम के व्यक्ति ने शिकायत की थी अज्ञात व्यक्ति ने उसके खाते से 02 लाख रूपये का ट्रांजेक्शन किये हैं। उसने अपनी शिकायत में बताया गया कि उनके द्वारा अपने फोन पर का यूपीआई पिन चेंज किया गया था। यूपीआई पिन को चेंज करने के बाद उनका फोन-पे ठीक से काम नहीं कर रहा था, इस समस्या के समाधान के लिए उन गूगल पर कस्टमर केयर का नंबर सर्च किया । वहाँ मिले नंबर पर फोन किया गया तो, फोन पर बात करने वाले व्यक्ति ने स्वयं को फोन-पे कंपनी का कर्मचारी बताते हुए उन्हें अपने मोबाइल पर ‘‘एनीडेस्क’’ नामक एप डाउनलोड करने के लिए कहा गया। पीड़ित द्वारा एनीडेस्क एप डाउनलोड किये जाने के बाद खुद को फोन-पे कंपनी का कर्मचारी बताने वाले व्यक्ति ने उनसे अपना बेलेंस चैक करने के लिये पिन नंबर डालने के लिये बोला गया। पीड़ित ने पिन डालते ही उसके खाते से ₹2,00,000/- रूपये का ट्रांजैक्शन ठग के खाते में हो गया था।
सायबर क्राईम टीम ने शिकायत पर से अज्ञात आरोपी के विरूद्ध अपराध क्रमांक 55/22 धारा 420 भादवि, 66 आईटी एक्ट का प्रकरण पंजीबद्ध किया जाकर विवेचना में लिया। तकनीकि साक्ष्यों के आधारा पर पता लगा कि इस ठगी का पूरा नेटवर्क झारखण्ड से संचालित किया जा रहा है उक्त सूचना पर से सायबर क्राईम टीम ने वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराते हुए सायबर क्राईम की एक टीम को निरी0 श्रीमती नरेश गिल के नेतृत्व में आरोपी की तलाश में जिला देवघर, झारखण्ड भेजा गया। पुलिस टीम द्वारा उक्त आरोपी को ग्राम लेटो, जिला देवघर झारखण्ड से गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तार किये गये आरोपी के पास से 50 हजार रूपये नगद बरामद किये गये जिन्हे विधिवत् जप्त किया गया। ज्ञात हो कि उक्त अपराध मे पूर्व मे भी सायबर क्राइम टीम द्वारा झारखण्ड निवासी आरोपी को जयपुर राजस्थान से गिरफ्तार किया गया था। दोनों आरोपी एक ही गाँव के निवासी हैं एवं अच्छे दोस्त हैं। दोनों आरोपियो द्वारा मिलकर इस प्रकार की सायबर ठगी को झारखण्ड से ही अंजाम दिया जाता है। सायबर क्राइम टीम द्वारा गिरफ्तारशुदा आरोपी के बैंक खातों की जाँच की जा रही है साथ ही यह जानकारी भी एकत्रित जा रही है कि आरोपी द्वारा अभी तक कितने लोगों को अपना शिकार बनाकर सायबर ठगी की गई है।