छतरपुर। छतरपुर में एक दिव्यांग विनोद यादव का उसके हाथ के पंजे की उंगलियां न होने पर तमाम परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। पंजे की उंगलियां न होने से उसके जीवन में वैसे ही तमाम परेशानियां थीं लेकिन अब सरकारी सिस्टम की परेशानी भी उसे झेलनी पड़ रही हैं। दिव्यांग की पंजे की उंगलियां न होने पर उसका आधार नहीं बन पा रहा है। आधार न बन पाने से उसे सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा। परेशान दिव्यांग कई जिम्मेदार अधिकारियों से अपनी गुहार लगा चुका है लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
स्कॉलरशिप नहीं मिलने से पढ़ाई पर संकट
जिले के बिजावर के रहने वाले विनोद यादव (18) पुत्र छिद्दू बचपन से ही दिव्यांग है। उसके हाथ के पंजे अधूरे हैं और उनमें उंगलियां नहीं हैं जिससे अब उसका आधार कार्ड ही नहीं बन पा रहा हैं। जब से आधार प्रक्रिया लागू हुई है तभी से उनके घर वालों की परेशाानियां और बढ़ गई हैं। चूंकि अब हर जगह आधार कार्ड की मांग होती है और विनोद का आधार बन नहीं पा रहा है। हाथ के पंजे व उंगलियां नहीं है जिससे कि उसके फिंगर नहीं आते। मशीन बिना फिंगर के आधार एक्सेप्ट नहीं करती। जिसे मैन्युअल भी नहीं बनाया जा सकता। विनोद अब कक्षा 12 वीं में पहुंच गया है जहां उसे स्कॉलरशिप के लिए आधार चाहिए। आधार न होने से स्कॉलरशिप मिलने के रास्ते बंद हैं कुल मिलाकर दिव्यांग की पढ़ाई पर संकट के बादल हैं।
इस तकनीकि मुद्दे को नहीं सुलझा पा रहे अफसर
दिव्यांग विनोद के परिजनों ने बताया कि आधार न बन पाने की परेशानी जिले के कई अधिकारियों को बता चुके हैं। लेकिन इस तकनीकी पेंच को कोई नहीं सुलझा पा रहा। दिव्यांग के परिजनों का कहना है कि विनोद के जीवन में पहले से ही कई दिक्कतें हैं और अब आधार न बन पाने से उसे कई समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। परिजनों की मांग है कि सरकार को चाहिए कि इस तरह के दिव्यांगों के लिये आधार की कोई और प्रक्रिया अपनाएं या कोई और विकल्प निकालें जिससे कि इन जैसे दिव्यांगों को परेशानी से निज़ात मिल सके।