November 29, 2024

तहसीलदार के पैरों में गिरे किसान, लगाये कलेक्टर महाराज के जयकारे

गुना। मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार सत्ता में है। 15 सालों का वनवास काटकर कांग्रेस के सत्ता में आने का सिर्फ और सिर्फ एक ही कारण था, किसानों की कर्ज माफी की घोषणा। तब के कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी वादा कर गए थे कि किसानों का कर्ज 10 दिनों में माफ कर देंगे। मध्यप्रदेश के किसानों पर कोई संकट आया तो सरकार अपना सबकुछ लुटा देगी। सरकार भी आ गई, कमलनाथ मुख्यमंत्री बन गए, लेकिन किसानों का दर्द जस का तस ही है।

इसकी एक बानगी गुना जिला कलेक्ट्रेट में हुए इस घटनाक्रम में देखने को मिली। मंगलवार को आमजन की समस्याएं सुनने के लिए आयोजित जनसुनवाई कार्यक्रम चल रहा था। तभी जिले के ग्रामीण अंचलों से कुछ किसान कलेक्ट्रेट के बाहर शोर-शराबा करने लगे। मौके की नजाकत देखकर ग्रामीण तहसीलदार संदीप श्रीवास्तव बाहर आए। भोले-भाले ग्रामीण इन्हीं को कलेक्टर समझ बैठे और अपना दुखड़ा सुनाने लगे। एक किसान अपनी आपबीती सुनाते-सुनाते तहसीलदार साहब के पैरों में गिर पड़ा। बोला- अगर आपने मदद नहीं की तो सबकुछ बर्बाद हो जाएगा। प्रशासन से आस लगाए किसानों को आभास हुआ कि साहब ही कुछ कर सकते हैं,  तो कुछ जोशीले किसानों ने नारे लगाना शुरु कर दिए- ‘कलेक्टर महाराज की जय।‘

प्रशासन की चौखट पर नतमस्तक किसानों की यह हालत इसलिए भी हुई,  क्योंकि सत्ता में लौटे कांग्रेस के जनप्रतिनिधि सुन नहीं रहे हैं। मंत्री गुटबाजी में व्यस्त हैं। खेमों में बंटे हुए हैं। ऐसे में किसान कलेक्टर, तहसीलदार को ही सबकुछ समझ रहा है।

बहरहाल गुना कलेक्ट्रेट में जो भी हुआ उससे मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार की संवेदनशीलता पर सवाल खड़े होते हैं। इसी सरकार के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री जयवर्धन सिंह कुछ समय पूर्व एक समारोह में घोषणा कर गए थे कि अतिवृष्टि से खराब हुई फसलों का सर्वे कराया जाएगा। उन्हीं के चाचा और कांग्रेसी दिग्गज दिग्विजय सिंह के छोटे भाई लक्ष्मण सिंह भी चिंता जाहिर कर चुके हैं। फिर भी प्रशासन किसानों के खेतों में नहीं पहुंचा। तो किसान ही प्रशासन के दर पर शीष झुकाकर खड़ा हो गया।

Written by XT Correspondent