एक्सपोज़ टुडे।
इंदौर ईओडब्ल्यू को राष्ट्रीयकृत बैंक बैंक ऑफ बड़ौदा इन्दौर रीज़न के उप महाप्रबंधक ने बैंक की ओर से धोखाधड़ी एवं संम्पत्ति का अपराधिक गबन संबंधी शिकायत की।
संदेही मेसर्स ब्लू चिप इक्यूपमेंट एंड इंजीनियरिंग का प्रोपराईटर महेन्द्र अहीर नि. महू के विरूद्ध ई.ओ.डब्ल्यू. की गई थी, जिसमें आरोप है कि मेसर्स ब्लू चिप एक्यूपमेंट एंड इंजीनियरिंग का प्रोपराईटर महेन्द्र अहीर को रूपये 90 लाख का केश क्रेडिट ऋण सीमा 20 जुलाई 2018 को तत्कालीन शाखा सीनियर मेनेजर शैलेन्द्र चिकंजूरी द्वारा स्वीकृत तथा राषि वितरित की गई थी। मेसर्स ब्लू चिप इक्यूपमेंट एंड इंजीनियरिंग प्रोपराईटरषिप फर्म का कार्य ऑटो कम्पोनेंट निर्माण एवं असेम्बलिंग करना था। उक्त प्रोपराईटरषिप फर्म प्रोपराईटर द्वारा केष क्रेडिट ऋण स्वीकृति हेतु मेसर्स ब्लू चिप इक्यूपमेंट एंड इंजीनियरिंग के नाम से एस.बी.आई. बैंक का पूर्व से संचालित चालू खाते का स्टेटमेंट बैंक शखा में जमा किया गया था संबंधित दस्तावेजो के आधार पर तत्कलीन मेनेजर ने ऋण स्वीकृत कर दिया था। आरोपी द्वारा ऋण वापस जमा नहीं करने/एन.पी.ए. हो जाने पर बैंक के रीजनल ऑफिस द्वारा प्रकरण की जांच करने पर पाया कि आरोपी द्वारा जिस चालू खाते का स्टेटमेंट स्वंय का बताकर बैंक शाखा में प्रस्तुत किया गया था वह किसी अन्य फर्म का है जिसे कूटरचित किया गया था। इसके बाद बैंक द्वारा ई.ओ.डब्ल्यू. में शिकायत दर्ज करवाई गई। पुलिस अधीक्षक धनंजय शाह के नेतृत्व में उप निरीक्षक श्री इतेन्द्र सिंह चैहान द्वारा जांच करने पर पता लगा की ऋण स्वीकृति के लिए जिस सम्पत्ति को बैंक में बंधक रखा गया है, वह सम्पत्ति 10000 स्के.फिट प्लाट ग्राम कोडियाबर्ड़ी तह. व जिला इन्दौर एयरपोर्ट के पास की है एवं उक्त सम्पत्ति की रजिस्ट्री दस्तावेज अनुसार महेन्द्र अहीर द्वारा उक्त भूखण्ड सावन नामदेव पिता कैलाषचन्द्र नामदेव नि. शुभम रेसीडेन्सी, महालक्ष्मी नगर इन्दौर से 10 जुलाई 2018 को क्रय किया गया है। इस भूखण्ड की रजिस्ट्री व्यवसायिक डायवर्रशन वाकर 1 करोड़ रूपये से अधिक की करवाई गई एवं वैल्यूए़शन कर्ता द्वारा भी उक्त प्लाट का बजार मूल्य 1.10 करोड़ रूपये बताया जबकि वास्तविक कीमत लगभग 10 लाख रूपये होने की जानकारी जांच में सामने आई।
ऋण स्वीकृती के लिये आवश्यक दस्तावेज पूर्व से विद्यमान चालू खाते का स्टेटमेंट ऋण स्वीकृती प्रक्रिया के दौरान संबंधित विभाग से सत्यापन न करवाया जाना, तथा बैंक शाखा प्रबंधक की निरीक्षण रिपोर्ट में असत्य तथ्यों का लेख, षड्यंत्र घटना को अंजाम दिय जाना प्रकोष्ठ की जांच में पाया गया है। तत्कालीन बैंक मेनेजर शैलेन्द्र चिकंजुरी तथा फर्म प्रोपराईटर महेन्द्र अहीर की उक्त घटना में साठगांठ स्पष्ट होती है। दिनांक 12.10.2021 ऋण राषि एवं ओव्हर ड्यू राषि सहित रूपये 91,23,914/- से बैंक को क्षति कारित किया जाना प्रमाणित पाया गया है। अतः संदेहीयो के विरूद्ध धोखाधड़ी, कूटरकरण करना एवं षड्यंत्र की भा.द.वि. की धाराओं सहित भष्टाचार निवारण अधि. की संबंधित धाराओं में अपराध दर्ज किया जाकर अनुसंधान में लिया गया है।
आरोपी के नाम –
1. श्री महेन्द्र अहिर पिता श्री ओमप्रकाष अहिर, निवासी 32 कृष्णापुरा, धार नाका महू, इन्दौर प्रोपराईटर मेसर्स ब्लू चिप इक्यूपमंेट एंड इंजीनियरिंग,
आॅफिस पता – 317, प्रोफेसर काॅलोनी, सपना संगीता रोड़, इन्दौर 1⁄4म.प्र.1⁄2
2. श्री शैलेन्द्र कुमार चिकंजूरी, तत्कालीन वरिष्ठ प्रबंधक, अन्नपूर्णा शाखा,