कोरबा। पेड़ो की अवैध कटाई को लेकर अपने ही अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने वाले वनकर्मी शेखर सिंह रात्रे ने उसी शिद्दत से प्रोटोकाल का पालन भी किया। शेखर आरोपी अधिकारी के दफ्तर पहुंचे और उन्हें सैल्यूट करके प्रारंभिक अपराध सूचना प्रतिवेदन (पीओआर) सौंपा। साथ ही मौके से जब्त की गई 11 कुल्हाड़ी भी रेंजर को सौंपी। हालांकि रेंजर ने प्रक्रिया पूरी किए बिना ही उसे बाहर भेज दिया। ऐसे में शेखर अब सिविल कोर्ट जाने की तैयारी में है।
दरअसल नियमानुसार पीओआर प्रस्तुत करने पर रेंजर को एफओसीआर अलॉट करना होता है, लेकिन रेंजर ने यह कहकर वनकर्मी को बाहर का रास्ता दिखा दिया कि आपने अपना काम कर दिया है, अब आप जा सकते हैं। ऐसे में अब वनकर्मी शेखर सिविल कोर्ट जाने की तैयारी में है। इस मामले को लेकर शेखर का कहना है कि मैंने अपने कर्तव्य का निर्वहन किया है। मुझे कार्रवाई का डर नहीं है। मैं सत्य के साथ खड़ा हूँ।
गौरतलब है कि वनरक्षक शेखर सिंह रात्रे की तैनाती वाले हल्दीबाड़ी के रिजर्व फॉरेस्ट इलाके में 17 जुलाई को कुछ मजदूर बास के पेड़ों की कटाई कर रहे थे। पेड़ों की कटाई का काम रेंजर मृत्युंजय शर्मा के कहने पर एक वनकर्मी ही करवा रहा था। वनकर्मी शेखर सिंह ने जब वहाँ 300 से ज्यादा पेड़ो की कटाई होते देखा तो उन्होंने इसके लिए पेड़ कटवा रहे वनकर्मी को लताड़ लगाई। वनकर्मी ने शेखर सिंह को बताया कि वह पेड़ो की कटाई रेंजर के कहने पर करवा रहा है।
इस पर वनकर्मी शेखर सिंह ने अपने ही अधिकारी रेंजर को घटनास्थल पर बुलाया और उनके खिलाफ मामला दर्ज कर दिया। यही नहीं शेखर सिंह ने फारेस्ट रेंजर और अन्य अधिकारियों को फटकार भी लगाई। शेखर सिंह ने रेंजर, डिप्टी रेंजर, वनकर्मी और 11 मजदूरों के खिलाफ वन अधिनियम के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया है।