एक्सपोज़ टुडे।
मध्य प्रदेश के पूर्व स्पेशल डीजीपी मैथिलीशरण गुप्त को पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी ने आइपीएस एसोसिएशन के वाट्सएप ग्रुप ‘आइपीएस एमपी’ से हटा दिया है। दरअसल भारत-पाक बंटवारे और मुस्लिम लीग की भूमिका पर गुप्त ने ग्रुप में एक लिंक शेयर किया था। इसमें मुस्लिम समुदाय के प्रति टिप्पणी की गई थी। जौहरी ने इस लिंक पर आपत्ति जताते हुए उन्हें लिंक हटाने के लिए कहा था। गुप्त ने लिंक को नहीं हटाया तो ग्रुप से उन्हें रिमूव (बाहर) कर दिया गया।
आइपीएस अधिकारियों के ग्रुप में हुए इस विवाद को लेकर कई अन्य लोगों ने ट्वीटर पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। शनिवार को राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने लिखा कि डीजीपी जौहरी ने साबित कर दिया कि भारतीय संविधान ही लोकसेवकों का असली धर्म है।
सूत्रों के मुताबिक एक यू-ट्यूब चैनल का लिंक गुप्त के द्वारा आइपीएस ग्रुप पर शेयर किया गया था। दरअसल, जावेद अख्तर ने कहा था कि भारत-पाक बंटवारे के दौरान उनके पूर्वजों ने ही हिंदुस्तान में रुकना तय किया था और इसे ही अपना धर्म माना था। लिंक में हिंदुओं को ऐसे मुस्लिमों का विरोध करने की बात कही गई थी।
उसमें यह भी कहा गया था कि जिन लोगों ने मुस्लिम लीग को वोट दिया, वे भी पाकिस्तान जाने की जगह यहीं रुक गए। आजादी के बाद यहां के काले अंग्रेजों ने इन्हें हिंदुओं के सिर पर बैठाया। गुप्त की इन बातों के खिलाफ डीजीपी जौहरी ने लिखा कि ऐसी राजनीतिक और साम्प्रदायिक बातों के लिए इस ग्रुप में कोई जगह नहीं देनी चाहिए, इसलिए इसे डिलिट कर दें।ग्रुप एडमिन ने गुप्त से लिंक हटाने को कहा तो उन्होंने इन्कार कर दिया था। इसके बाद उन्हें ग्रुप से हटा दिया गया। गुप्त से बात करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
मैंने पूछा- इसमें आपत्तिजनक क्या है
पूर्व स्पेशल डीजीपी मैथिलीशरण गुप्त कहते हैं कि मेरे पास एक फोन आया था कि इस लिंक को हटा लें, तो मैंने पूछा था कि इसमें आपत्तिजनक क्या है। मैं यह कह रहा हूं कि मूल मुद्दों पर बात क्यों नहीं की जाती है। जिन्होंने हम पर आक्रमण किए, अत्याचार किए, मंदिर तोड़े और इस बर्बरता के बाद भी तुष्टिकरण के कानून बना दिए गए। संविधान में बराबरी की बात है तो फिर वर्ग विशेष के लिए अलग से कानून क्यों बनाया गया। आपको हिंदुस्तान अच्छा लगा, ठीक बात है पर हिन्दू तो आपको बांटना ही नहीं चाहते थे। हकीकत को नजरंदाज नहीं किया जा सकता है, जिन्होंने इतिहास बदल दिया, उन्हें सम्मानित किया गया। सत्य को सत्य कहना अपराध नहीं है।