November 24, 2024

सद्भावना दौड़ बनाम तमाशा

बैतूल। बात सद्भावना जगाने की थी लेकिन जिम्मेदार अफसर और नेता ही बच्चों के प्रति सद्भाव नहीं दिखा सके. वे आरामदेह महंगे जूते-मोजे पहन कर खड़े रहे और बच्चे नंगे पैर कंकड़ भरे रास्ते पर दौड़ लगाते रहे। मौका था राजीव गांधी के जन्म दिवस के अवसर का। 15 साल बाद प्रदेश की सत्ता में वापसी करने वाली कांग्रेस सरकार ने इस दिन को सद्भावना दिवस के तौर पर मनाने का निर्णय लिया है।

दरअसल बैतूल जिला प्रशासन ने मध्य प्रदेश शासन के निर्देश पर सद्भावना दौड़ का आयोजन किया। इसमें प्रशासन ने बिना किसी सुरक्षा इंतजाम के आधा सैकड़ा स्कूली बच्चों को कंकड़ भरे रास्ते पर तकरीबन दो किलोमीटर तक नंगे पैर दौड़ लगवा दी। जिस समय बच्चे नंगे पैर कंकड़ भरे रास्ते पर दौड़ रहे थे, उस समय प्रशासनिक महकमा सूट बूट में तमाशबीन बनकर सब देख रहा था।

दौड़ के दौरान कुछ बच्चो के पैरों में मामूली चोंटे भी आई. अपनी गलती मानने के बजाए अब इस मामले में जिला कलेक्टर और स्थानीय विधायक बेतुके जवाब दे रहे हैं।

छात्र का कहना है कि हमें नहीं बताया गया था कि दौड़ का आयोजन किया जाएगा। इसलिए चप्पल पहनकर आए। जब दौड़ शुरू की गई तो चप्पल हाथ में लेकर दौड़ना पड़ा। नंगे पैर दौड़ने से पैरों में रास्ते की गिट्टियाँ लग गई हैं।

इस मामले में जिला कलेक्टर तेजस्वी एस नायक बताते हैं कि ये बच्चो की अपनी मर्जी थी। अगर उन्हें किसी चीज की आवश्कता थी तो वह बताएँ, उसे पूरा किया जायेगा।

स्थानीय विधायक निलय डागा ने तो पुराने जमाने का उदाहरण देकर कहा कि पहले के समय में नंगे पैर ही दौड़ लगाई जाती थी। जूते तो बाद में आये। नंगे पैर दौड़ने से उनके शरीर में नई ताकत आती है। नंगे पैर दौड़ना बच्चो की मर्जी थी।

कांग्रेस सरकार जहाँ पूरे प्रदेश की जनता के सामने अपनी अच्छी छवि बनाने में लगी हुई है। वहीं दूसरी तरफ सरकार के कुछ नौकरशाह प्रदेश सरकार की छवि धूमिल करने में लगे हुए हैं।

 

Written by XT Correspondent