November 29, 2024

बिना आँखों के खटिया बुनने का लाजवाब हुनर

बड़वानी। क्या आप आँखों के बिना किसी बारीक काम को आसानी से बखूबी अंजाम दे सकते हैं? शायद नहीं! लेकिन बड़वानी का एक शख्स ऐसा है जो दृष्टिहीन होने के बावजूद खाट बुनने का काम बखूबी करता है। वह अपने काम को इतनी अच्छे तरीके से अंजाम देता है कि उसके गांव ही नहीं बल्कि आसपास के दूसरे गांव और दूरदराज के लोग भी उसके पास खाट बुनवाने के लिए आते हैं।

खाट बनाने वाले शख्स का नाम है साईं राम। बड़वानी जिले के सेंधवा में रहने वाला साईं राम बचपन से दृष्टिहीन है। उसने साल 2011 में अपने चाचा से खाट बुनने का काम सिखा था। पिछले 7-8 सालों से वह खाट बुनने का काम रहा है।

साईं राम का कहना है कि उसे रस्सी की खाट बुनने में 1 दिन का समय लगता है जबकि निवाड़ की खाट कुछ ही घंटो में बुन देता है। लोग भी उनके काम की तरफ करते हैं।

साईं राम ने हाथों के स्पर्श से खाट को बुनने की कला सीखी। इस कला से न सिर्फ साईं राम के हाथ एक हुनर लगा बल्कि यह काम साईं राम के लिए पैसा कमाने का जरिया भी बन गया है। साईं राम को इस काम के बदले कुछ पैसा भी मिल जाता है। आसपास के कई गाँव में साईं राम के हाथों की बुनी हुई खटिया पर ही लोग आराम फरमाते हैं।

साईं राम उन लोगों के लिए एक मिसाल है जो जीवन में जल्द ही हार मान जाते हैं या अपनी हार का ठीकरा अन्य चीजों पर फोड़ देते हैं। लेकिन साईं राम अपनी मेहनत से आज ना सिर्फ अपने पैरों पर खड़ा है बल्कि लोग उससे मिलने भी आते हैं और उसकी शोहरत का डंका भी बज रहा है।

Written by XT Correspondent