एक्सपोज़ टुडे।
बहुचर्चित प्यारे मियां दुष्कर्म प्रकरण में इंदौर के दो डॉक्टरों को हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया है। इंदौर के डॉक्टर दलजीत सिंह छावड़ा जो यूनिक डायनेस्टिक नाम से इंदौर मे सोनोग्राफी क्लिनिक चलाते हैं व इंदौर की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ सोनल श्रॉफ ने पीड़ित युवती जो 14 वर्ष की थी बिना उसके परिजनों के उपस्थित हुए उसका चेकअप किया तथा सोनोग्राफी करने हेतु पर्चा बनाया। हाई कोर्ट में सुनवाई के बाद दोनों डॉक्टरों को नोटिस जारी कर 2 सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है की क्यों ना उन्हें आरोपी बनाया जाये ? भोपाल कानप्यारे मियां करता था बच्चियों का यौन शोषण उसे भोपाल पुलिस ने गिरफ़्तार किया था उसका इंदौर के बख्तावर राम नगर में भी अय्याशी का अड्डा था जहां वह नाबालिग बच्चियों का शोषण करता था।
डॉ दलजीत सिंह छाबड़ा ने नाबालिक पीड़ित युवती के परिजनों की अनुमति के बिना पीएनडीटी एक्ट का उल्लंघन करते हुए इस पीड़ित युवती की सोनोग्राफी की परंतु पुलिस ने इन दोनों डॉक्टरों को आरोपी नहीं बनाया था तब प्यारे मियां केस में आरोपी स्वीटी विश्वकर्मा के अधिवक्ता यावर खान ने इन दोनों डॉक्टरों को पीएनडीटी एक्ट व पास्को अपराध के तहत आरोपी बनाने का आवेदन दिया था।
हाई कोर्ट में सुनवाई के बाद दोनों डॉक्टरों को नोटिस जारी कर 2 सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है की क्यों ना उन्हें आरोपी बनाया जाये
इन दोनों डॉक्टरों की भोपाल स्थित न्यायालय में गवाही दी हुई जहां दोनों ने यह स्वीकार किया है कि पीड़ित 14 वर्षीय युवती के बिना परिजनों के उपस्थित हुए उन्होंने सोनोग्राफी का पर्चा बनाया
तथा सोनोग्राफी की जबकि पीएनडीटी एक्ट में यह प्रावधान है कि 18 वर्ष से कम नाबालिक की सोनोग्राफी बिना परिजनों की अनुमति के तथा पुलिस केस होने पर पुलिस की अनुमति के बिना नहीं की जा सकती।