एक्सपोज़ टुडे,मध्यप्रदेश।
मैं ही सबसे ज़्यादा काम करने वाला हूं 18 घंटे, जैसा की मेरी चौकड़ी के लोग मेरे बारे में प्रचार करते हैं। मैं ही पहला ऐसा अफ़सर हूँ जो काम कर रहा हूँ मेरे पहले जितने पोस्टेड रहे उन्होंने भी कुछ नहीं किया और आने वाले समय में जो आएँगे वह कुछ नहीं कर पाएँगे न मतलब न भूतो न भविष्यति । मैं 24 घंटे में किसी का भी तबादला करा सकता हूँ।क्योंकि मैं काम करता हूँ बाक़ी सब मक्कार हैं।मैं कभी भी किसी का माजना उतार सकता हूँ।सब को अपने जूते की नौंक पर रखता हूँ।
मेरा मीडिया मैनेजमेंट इतना तगड़ा है की क़त्ल भी कर दें चर्चा नहीं होती। कोई साहब के ख़िलाफ़ बोलने की हिमाक़त करे तो मुँह पकड़ने वाले दौड़े चले आएँगे।यह हैं इंदौरी साहब । साहब को शहर के कुछ चार पाँच लोगों से बात कर ऐसा लगता है की लोक तंत्र का चौथा स्तंभ तो घर का ही है। कोट टांगता हूँ इस चौथे स्तंभ पर । साहब की कभी किसी छोटे अफ़सर से पटरी ही नहीं बैठी क्योंकि उन्हें लगता है एको हम द्वितीयो नास्ति । यह जूनियर छोटे लोग काम चोर, मक्कार,घटिया,भ्रष्ट हैं। मैं कभी किसी का न फ़ोन रिसीव करता हूँ न मेसेज पर जवाब देता हूं क्योंकि मैं काम करता हूं । केवल माननीय जनप्रतिनिधीयों का फ़ोन रिसीव करता हूं और मेरे ब्रांड मैनेजरों का । मेरे पास बहुत ही ज़िम्मेदारी का काम है । ऐसे मौक़े बार बार थोडे ही मिलते हैं। मुझे जो आदमी पसंद नहीं आता वह मेरे साथ तो क्या शहर में ही नहीं रह सकता । क्योंकि मेरी पकड़ सीधी वहीं से है जहां से सबकी रसीद कटती है । मेरा प्रशासन इतना सख़्त (केवल जनता के लिए) है की कोई भी नेता जैसा चाहे करा ले। हर निर्णय पर यू टर्न ले लेता हूं । जिससे सामने वाला भी ख़ुश और मेरी कुर्सी भी बची रहे। क्योंकि अब यहाँ के बाद अगला ठिकाना तो वल्लभ भवन ही है । कल हो न हो इसलिए जमकर मेहनत कर रहा हूं यह मेहनत ही काम आएगी । पिछली बार भी यही मेहनत काम आई थी तभी तो आज यहाँ हूँ । जब बहुत ज़्यादा फ़्रस्ट्रेशन में आ जाता हूँ तो अपनी खिज किसी पर भी निकाल देता हूं । लोग बोलते है बतमीजी करता हूँ। यह क्या जाने जवाब तो मुझे ही देना है न सरकार को,मीडिया को,कोर्ट को मानव अधिकार को यह छोटे अफ़सर समझते ही नहीं है । फिर उपर का मैनेजमेंट भी तो करना है। कितना काम करूँ ?