एक्सपोज़ टुडे।
साइबर क्राइम पुलिस ने राजधानी के एक चार सदस्यीय गिरोह के दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह शहर में ऐसे ठेकेदारों का पता करता था, जिनके निर्माण कार्य चल रहे थे और उनके पास सीमेंट की कमी हो। इसके बाद ये उन ठेकेदार से मिलकर बाजार मूल्य से कम दाम पर सीमेंट दिलवाने का झांसा देकर ठगी करता था। पुलिस ने आरोपितों के बैंक खातों में जमा कराए गए ठगी के करीब पांच लाख रुपये फ्रीज करवा दिए हैं। इस मामले में गिरोह के दो अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है।
एएसपी अंकित जायसवाल के मुताबिक 19 अक्टूबर को एक ठेकेदार ने शिकायत की थी कि अज्ञात व्यक्ति ने उसे फोन किया और बाजार से कम दाम पर सीमेंट दिलवाने की बात कही। उन्हें पंचवटी मार्केट साकेत नगर स्थित साइट के लिए सीमेंट की जरूरत थी, इसलिए उन्होंने सौ बोरी सीमेंट का आर्डर दे दिया। इस दौरान सीमेंट से लदी एक गाड़ी साइट पर पहुंची, तभी जालसाज ने उनसे आनलाइन 30 हजार रुपये का भुगतान करवा लिया। इधर सीमेंट लेकर पहुंचे ड्राइवर ने ठेकेदार को बताया कि अभी तक भुगतान नहीं हुआ है। ठेकेदार ने जब डीलर से बात की तो पता चला कि बिचौलिये ने किसी दूसरे व्यक्ति के खाते में रुपये ट्रांसफर करवा लिए थे। इस पर पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। इसी प्रकार का एक मामला परवलिया इलाके में भी सामने आया था।
इस प्रकार देते थे वारदात को अंजाम
आरोपी शहर में रेकी कर यह देखते कि कहां-कहां पर निर्माण कार्य चल रहा है और कौन ठेकेदार काम करवा रहा है। उसके बाद वह ठेकेदारों से संपर्क कर बाजार से कम दाम पर सीमेंट उपलब्ध कराने का झांसा देते थे। ठेकेदार सीमेंट खरीदने के लिए तैयार हो जाता तो वह पास की एजेंसी से सीमेंट साइट पर भिजवा देते थे। सीमेंट उतरने से पहले ही आरोपी ठेकेदार से आनलाइन भुगतान करवाकर मोबाइल फोन बंद कर लेते थे। जब एजेंसी के कर्मचारी बगैर भुगतान के सीमेंट उतारने से मना करते, तब ठेकेदार को पता चलता था कि उसके साथ ठगी हुई है। पुलिस ने इस मामले में आरोपित हीरालाल परिहार और उसके साथी मोनू पटनायक को गिरफ्तार किया है। गिरोह में शामिल अंकित उर्फ पिंटू शर्मा और सुरेंद्र तिवारी नामक युवकों की तलाश की जा रही है। पकड़े गए आरोपियों से दो मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं। हीरालाल यह पता करता था कि शहर में कहां निर्माण कार्य चल रहा है। मोनू खाते में रकम जमा करवाता था। फरार आरोपित अंकित फोन पर बात करता था और सुरेंद्र खाते में जमा पैसों को निकलता था। इनमें हीरालाल और सोनू का आपराधिक रिकार्ड भी है।