एक्सपोज़ टुडे।
खाद्य और औषधि प्रशासन (एफडीए) खाद्य सामग्री बेचने और बनाने वाले प्रतिष्ठानों से जांच के लिए नमूने तो लेता है, लेकिन इनकी जांच रिपोर्ट एक-एक साल में भी नहीं आ पाती। इंदौर जिले से लिए गए ऐसे ही करीब 500 नमूनों की जांच एफडीए की भोपाल प्रयोगशाला में अटकी है। इनमें होटल, डेयरी, किराना दुकानों सहित अन्य प्रतिष्ठानों से लिए गए घी, तेल, मावा, मिठाई, बेसन, ड्राय फ्रूट आदि के नमूने शामिल हैं।
इंदौर में इस साल दीपावली पर ही अलग-अलग इलाकों से करीब 250 नमूने जांच में लिए गए थे। इनकी रिपोर्ट भी नहीं आई है। कुछ नमूने तो एक साल पहले लिए गए थे, उनकी जांच रिपोर्ट भी लंबित है। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआइ) की ईट राइट चैलेंज प्रतियोगता में भी मध्यप्रदेश के इंदौर सहित नौ जिले व शहर शामिल हैं। इस प्रतियोगिता के तहत भी इंदौर से हाल ही में 200 से अधिक नमूने लिए जा चुके हैं।
इंदौर जैसे शहर में खाद्य प्रतिष्ठानों की संख्या प्रदेश के अन्य शहरों के मुकाबले कहीं ज्यादा है। ऐसे में यहां से खाने-पीने की चीजों की जांच के लिए नमूनों की संख्या भी ज्यादा होना स्वाभााविक है। नमूनों की जांच के लिए एफडीए की एक ही प्रयोगशाला भोपाल में है। इस कारण पूरे प्रदेश का बोझ इस एक प्रयोगशाला पर है। इसी कारण इंदौर सहित अन्य संभागीय मुख्यालयों पर एक-एक प्रयोगशाला निर्माण की योजना बनाई गई है। इंदौर में इस प्रयोगशाला का निर्माण दो साल से चल रहा है, लेकिन अब तक पूरा नहीं हो पाया है।