एक्सपोज़ टुडे,इंदौर।
अमेरिका के विश्वविख्यात स्टैनफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी ने हाल ही में, दुनिया के प्रतिष्ठित शोध पत्रों के आधार पर , विविध क्षेत्रों के एक लाख सर्वोत्कृष्ट वैज्ञानिकों की एक सूची प्रकाशित की है !
इस सूची में ” Mathematical Physics ” विभाग में इंदौर में शिक्षित डॉ. अविनाश खरे , विश्व में 53 वें स्थान पर हैं ,और उक्त विभाग में भारत से एकमात्र वैज्ञानिक है ! इस सूची सर्वोच्च एक
प्रतिशत (1 %) में उनका नाम शामिल है !
सुप्रसिद्ध शिक्षण संस्था खरे इंस्टिट्यूट के श्री दीपक खरे एवं मिलिन्द खरे, डॉ अविनाश के छोटे भाई है ।
अविनाश जी ने अपनी महाविद्द्यालयीन शिक्षा इंदौर के श्री होल्कर विज्ञान महाविद्यालय से प्राप्त की! B. Sc. की परीक्षा में उन्होंने विक्रम विश्वविद्दालय (तब इंदौर विश्वविद्दालय अस्तित्व में नहीं था) की प्रावीण्य सूची में स्थान अर्जित किया था , एवं M.Sc. फ़िज़िक्स की परीक्षा में इंदौर विश्वविद्दालय की प्रावीण्य सूची में प्रथम स्थान अर्जित किया था ! आगे उन्होंने Saha Institute of Nuclear Physics, Kolkata से PhD की उपाधि प्राप्त की ! तत्पश्चात आप जापान के Tokyo विश्वविद्दालय में Post Doctoral अनुसंधान में रत रहे !भारत लौटकर आप ,
Institute of Physics, Bhubaneswar में 1975 से 2010 तक अनुसंधान (research )कार्य में संलग्न रहे !वर्तमान में आप ” सावित्रीबाई फुले विश्वविद्दालय ” पुणे में Professor Emeritus के पद पर कार्यरत है एवं गत 50 वर्षों से सक्रिय अनुसंधान में संलग्न है ! अब तक विविध प्रतिष्ठित अंतराष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में आपके 271 शोध पत्र प्रकाशित हो चुके है ! आपका प्रथम शोध पत्र सन 1971 में प्रकाशित हुआ जबकि नवीनतम शोध पत्र अभी सन 2020 में ! 75 वर्ष की आयु में भी आप अनुसंधान में सक्रिय है ,और अभी Corona काल में भी आपके 4 शोध पत्र प्रकाशित हुए है !
आप Indian National Academy of Science (INSA ) एवम Indian Academy of Science ,Bengluru के मानद फेलो हैं ! UGC ने आपको 1998 में Meghnaath Saha Award से भी सम्मानित किया हैं | आपकी दो पुस्तके ” World Science Singapore ” के द्वारा प्रकाशित हुई है ! स्कूली विद्द्यार्थियों में विज्ञान को लोकप्रिय बनाने के लिए INSA एवं Department of Science &Technology (DST) द्वारा संचालित “INSPIRE” कार्यक्रम में आप व आपकी पत्नी डॉ. पुष्पा खरे बढ़ चढ़ कर भाग लेते है , और इसी सिलसिले में महाराष्ट्र और महाराष्ट्र के बाहर के अनेक ग्रामीण और क़स्बाई स्कूलों में अपना उदबोधन दे चुके है !
अविदा अपने विद्द्यालयीन जीवन में इंदौर/विक्रम विश्वविद्द्यालय का खोखो में तीन बार प्रतिनिधित्व कर चुके है !