एक्सपोज़ टुडे, इंदौर।
इंदौर में हुए बहुचर्चित शराब सिंडिकेट ऑफिस के दिनदहाड़े गोली कांड में आबकारी अफ़सरों ने समझौता करा दिया है। इस समझौते की पटकथा इंदौर में पदस्थ रहे एक भोपाली अफसर और गोली कांड में आरोपी बन रहे व्यक्ति के आबकारी अफ़सर समधी ने भारी शुभ लाभ कर निपटा दिया है। इससे पुलिस का काम भी आसान हो गया है क्योंकि गोली कांड में शामिल दो आरोपियों पिंटू भाटिया और ए के सिंह पर हाथ डालने में इंदौर पुलिस भी बच रही थी। अफ़सरों ने मीडिया को झूठी जानकारी देकर कहा था की दोनों को आरोपी बना दिया है जबकि वास्तविकता में इन्हें ऑन रिकॉर्ड आरोपी बनाया ही नहीं। इसके पीछे कारण इस मामले में दिल्ली से एक वज़नदार नेता का फ़ोन आ गया था ।
अब समझौता होने के बाद पुलिस को कोई कारवाई नहीं करनी पड़ेगी।
गवाहों की सूची बनेगी पुलिस के गले की हड्डी
इस मामले में एक दर्जन से ज़्यादा चश्मदीद गवाहों के एफेडेविड पर बयान कोर्ट में हो गए हैं जबकि पुलिस ने इन बयानों को केस डायरी में शामिल नहीं किया है। इस तरह पुलिस केस कमजोर करने की तैयारी में पहले से ही थी।
जिसके पास केस नहीं वह थानेदार ले रहा है बयान
विजय नगर थाने के एक थानेदार की भूमिका इस केस में संदिग्ध है क्योंकि इस केस की जांच उसके पास नहीं है लेकिन वह फिर भी केस में हस्तक्षेप कर बयान ले रहा है।