एक्सपोज़ टुडे।
लोकायुक्त ने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में भ्रष्टाचार करने के मामले में आईएफ़एस अधिकारी समेत उद्यानिकी विभाग के 15 लोगों समेत निजी कंपनी के कर्ताधर्ताओं को आरोपी बनाया गया है। मामला मंदसौर ज़िले का है यहाँ उद्यानिकी विभाग में कृषि यंत्र घोटाला हुआ जिसकी जाँच लोकायुक्त उज्जैन में चल रही थी।
जांच में सामने आया उज्जैन संभाग के मंदसौर ज़िले को संभाग के अन्य ज़िलों की तुलना में अत्यधिक राशि दी गई।
लोकायुक्त कीं जांच में इन योजनाओं में भारी आर्थिक अनियमितताओं का खुलासा हुआ है।
एकीकृत बाग़वानी मिशन योजना (MIDH)यंत्रीकरण, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) राष्ट्रीय कृषि विकास योजना। राष्ट्रीय औषधि मिशन (NMMP)
2017-18 और 2018-19 में यह घोटाला किया गया।
उप संचालक उघानिकी मनीष चौहान ने केंद्र सरकार की योजना का पैसा सीधे कृषि उपकरण बनाने वाली फ़र्म के एकाउंट में नियम विरूद्ध ट्रांसफ़र किया। हितग्राहियों का चयन भी मनमाने तरीक़े से किया गया। एक ही परिवार के कई सदस्यों को कृषि उपकरण देना बताया।
इसी तरह खरीदे गए यंत्रों की गुणवत्ता भी बेहद खराब थी। साथ ही कई किसानों को तो सिर्फ फोटो में यंत्र दिए गए थे जबकि हकीकत में उन्हें यंत्र मिले ही नहीं थे।
मंदसौर निवासी मुकेश पाटीदार ने लोकायुक्त उज्जैन से शिकायत की थी कि उद्यानिकी विभाग के मंदसौर जिले के उप संचालक मनीष चौहान ने एमआईडीएच योजना, कृषि विकास योजना में भारी भ्रष्टाचार किया है। जांच में पाया गया कि वित्तीय वर्ष 2017-18 और 2018-19 में
इन्हें बनाया आरोपी
– आईएफएस अधिकारी और तत्कालीन डायरेक्टर उद्यानिकी विभाग सत्यानंद, मंदसौर के तत्कालीन उप संचालक मनीष चौहान, ग्रामीण उद्यान विकास अधिकारी राजेश जाटव, पप्पू लाल पाटीदार ग्रामीण विकास अधिकारी, बनवारी वर्मा ग्रामीण विकास अधिकारी, राजेश मईड़ा ग्रामीण विकास अधिकारी, सत्यम मंडलोई ग्रामीण विकास अधिकारी, सुरेश धाकड़ ग्रामीण विकास अधिकारी, दिनेश पाटीदार ग्रामीण विकास अधिकारी, निजी फर्म के संचालक सुरेश भाई पटेल, प्रवीण मूल जी पटेल, मितुल भाई पटेल, मिहिर पंडया, मंगलन शिवदासन, शिवसिंह मेहता को आरोपी बनाते हुए लोकायुक्त ने क्राइम नंबर 214/2022 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 13(1) ए 13(1) बी सहपठित धारा 13(2) भारतीय दंड विधान की धारा 409,420,120 बी के तहत मामला दर्ज किया है।