एक्सपोज़ टुडे,प्रयागराज।
बाघंबरी मठ के महंत ने सुसाइड नोट का आधा हिस्सा 13 सितंबर को ही लिख लिया था. उसी दिन वो आत्महत्या करने वाले थे. लेकिन हिम्मत नहीं जुटा पाए थे. लेकिन सुसाइड नोट लिख लिया था.
इसलिए 20 सितंबर को जब सुसाइड करने का पूरा फैसला ले लिया था तब उन्होंने पुराने सुसाइड नोट वाली तारीख 13 सितंबर को काटकर फिर से उस पर 20 सितंबर कर दिया था.
उन्होंने सुसाइड नोट में लिखा है…मैं महंत नरेंद्र गिरि वैसे तो मैं 13 सितंबर 2021 को आत्महत्या करने जा रहा था, लेकिन हिम्मत नहीं कर पाया. आज जब हरिद्वार से सूचना मिली कि एक या 2 दिन में आनंद गिरि कंप्यूटर के माध्यम से मोबाइल में किसी लड़की या महिला के साथ गलत काम करते हुए मेरी फोटो लगाकर उस फोटो को वायरल कर देगा, तब मैंने सोचा कि अब कहां-कहां सफाई दूंगा. मैंने सोचा एक बार बदनाम हो जाऊंगा तो क्या होगा? मैं जिस पद पर हूं, वह पद गरिमा वाला पद है.
सच्चाई तो लोगों को बाद में पता चल पाएगा लेकिन मैं तो बदनाम हो जाऊंगा. इसलिए मैं आत्महत्या करने जा रहा हूं. जिसकी जिम्मेदारी आनंद गिरि, आद्या प्रसाद तिवारी एवं उनका लड़का संदीप तिवारी होगा…
महंत नरेंद्र गिरि
सुसाइड नोट का दूसरा पेज
मैं महंत नरेंद्र गिरि… आज मेरा मन आनंद गिरी के कारण विचलित हो गया. हरिद्वार से ऐसी सूचना मिली कि आनंद गिरि कंप्यूटर के माध्यम से एक लड़की के साथ मेरी फोटो जोड़कर गलत काम करते हुए बदनाम करेगा. आनंद गिरि का कहना है कि महाराज यानी मैं कहां तक सफाई देते रहूंगा. मैं जिस सम्मान से जी रहा हूं… अगर मेरी बदनामी हो गई तो मैं समाज में कैसे रहूंगा.. इससे अच्छा मर जाना ही ठीक है.
आज मैं आत्महत्या कर रहा हूं. जिसकी पूरी जिम्मेदारी आनंद गिरि, आद्या प्रसाद तिवारी की होगी. जो पहले पुजारी था, उनको मैंने निकाल दिया था. और संदीप तिवारी जो आद्या प्रसाद तिवारी का बेटा है, उसकी भी जिम्मेदारी होगी.
वैसे मैं पहले ही आत्महत्या करने जा रहा था, लेकिन हिम्मत नहीं कर पा रहा था. एक ऑडियो कैसेट आनंद गिरि जारी किया था, जिससे मेरी बदनामी हुई थी. आज मैं हिम्मत हार गया और आत्महत्या कर रहा हूं